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शोला बन गई थी अवैध गैस सिलेंडर लगी स्कूल वैन

इसी साल के 12 जनवरी को अवैध गैस सिलेंडर लगी वैन शौला बन गई थी। इसमें सवार 21 मासूम गंभीर रूप से झुलस गए थे तो तीन की मौत हो गई थी। घटना हुए दस माह बीत गए लेकिन मासूम अभी भी दहशत में हैं तो अभिभावकों के अरमान टूट गए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 05:57 PM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 05:57 PM (IST)
शोला बन गई थी अवैध गैस सिलेंडर लगी स्कूल वैन
शोला बन गई थी अवैध गैस सिलेंडर लगी स्कूल वैन

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही): इसी साल के 12 जनवरी को अवैध गैस सिलेंडर लगी वैन शौला बन गई थी। इसमें सवार 21 मासूम गंभीर रूप से झुलस गए थे तो तीन की मौत हो गई थी। घटना हुए दस माह बीत गए लेकिन मासूम अभी भी दहशत में हैं तो अभिभावकों के अरमान टूट गए। आरोपित प्रधानाचार्य, प्रबंधक और वैन मालिक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। संभागीय परिवहन अधिकारी सत्येंद्र यादव निलंबित कर दिए गए लेकिन अवैध रूप से संचालित की जा रही स्कूल के आरोपित बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी बच निकले। हर किसी के जेहन में यही सवाल कौंधता रहता है कि एक ही मामले में जब एक अधिकारी पर कार्रवाई हो गई तो दूसरे सुरक्षित कैसे बचे?

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कोतवाली क्षेत्र के लखनो गांव के पास अवैध रूप से विद्यालय संचालित किया जा रहा था। इस विद्यालय के वैन में अवैध रूप से घरेलू गैस सिलेंडर लगाकर नौनिहालों को ढोया जा रहा था। अभिभावकों ने इसकी शिकायत भी की थी लेकिन चालक और स्कूल संचालक एक नहीं मानी। 12 जनवरी को सुबह गैस रिसाव से वैन में आग लग गई। वैन में सवार 21 बच्चों के सहित अन्य दो महिलाएं झुलस गई थीं। इसमें तीन बच्चों की मौत हो गई थी। इस घटना ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया था। घटना के इतने दिन बाद भी मासूम दहशत में हैं। स्कूल वैन देखते ही उन्हें घटना की याद आ जाती है। हादसे में झुलसे बच्चों के चेहरे खराब हो चुके हैं। प्लास्टिक सर्जरी की जरूरत है लेकिन माली हालत ठीक न होने से ऐसा नहीं हो पा रहा है।


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