विधायक विजय मिश्र के रिश्तेदार को झटका, निगरानी याचिका खारिज
विधायक विजय मिश्र के रिश्तेदार कृष्णमोहन तिवारी को चेक
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही): विधायक विजय मिश्र के रिश्तेदार कृष्णमोहन तिवारी को चेक बाउंस के मामले में करारा झटका लगा है। अपर सत्र न्यायाधीश त्वरित न्यायालय मधु डोगर की अदालत ने 21 अक्टूबर को निगरानी याचिका खारिज कर दी है। साथ ही निर्धारित तिथि पर अवर न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार मेसर्स कृष्णमोहन की ओर से निगरानी दाखिल कर आरोप लगाया कि विजय मिश्र और उनके बेटे विष्णु मिश्रा तथा एमएलसी रामलली मिश्र के खिलाफ चार अगस्त को गोपीगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। मेसर्स नव निर्माण इन्फ्रा हाईट्स एंड मूवर्स लिमिटेड के डायरेक्टर विष्णु मिश्रा ने 27 जुलाई 2020 को 7,01,41,010 और 17,60,92,336 करोड़ का चेक जबरिया उनके फर्म मेसर्स कृष्णमोहन से जारी करा लिया था। इस मामले में डायरेक्टर की ओर से सीजेएम कोर्ट में फौजदारी वाद दाखिल किया था। नौ नवंबर 2020 को अदालत ने कृष्णमोहन को तलब किया था। इसी के खिलाफ यह निगरानी दाखिल की गई है। अदालत ने दोनों पक्षों का तर्क सुनने के बाद कृष्णमोहन तिवारी की निगरानी याचिका निरस्त कर दी। इसी तरह 15 जुलाई 2020 को मेसर्स वीएसवी स्टार रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड को 3,84,77,701 और 27 जुलाई 2020 को मेसर्स मिश्रा फिलिग स्टेशन अमवां के नाम से 2,45,49,863 करोड़ का चेक फर्जी तरीके से जारी करा लिया गया था। इस मामले में भी विष्णु मिश्रा की ओर से सीजेएम कोर्ट में फौजदारी वाद दाखिल किया गया था। 10 जनवरी 2021 को सीजेएम कोर्ट ने कृष्णमोहन तिवारी को तलब किया था। उन्होंने इस आदेश को भी अपर जनपद न्यायाधीश की अदालत में चुनौती दी थी। अदालत ने इस मामले में भी कृष्णमोहन तिवारी की निगरानी याचिका यह कहते हुए निरस्त दी कि जबरिया चेक जारी करवाने के बाद याचिकाकर्ता ने बैंक में चेक स्टाप की शिकायत दर्ज नहीं कराई।