पराली जलाने से रोकेंगे मजिस्ट्रेट, लगेगा जुर्माना
जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) धान की फसल में बालियां आने लगी हैं।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : धान की फसल में बालियां आने लगी हैं। कहीं-कहीं बालियां पक चुकी हैं को किसान फसल की कटाई की तैयारी में हैं। ऐसे में फसल का अवशेष विशेषकर धान की पराली (पुआल) जलाए जाने पर भी नजर रखने की तैयारी शुरू हो चुकी है। दरअसल, जुर्माना व किसी तरह की योजनाओं का लाभ न दिए जाने के फरमान के बाद भी खेतों में पराली जलाने की प्रवृत्ति पर रोक नहीं लग पा रही है। तमाम किसान खेतों में ही अवशेष जला देते हैं। जबकि इससे मिट्टी में पाए जाने वाले मित्र कीट जहां नष्ट हो रहे हैं वहीं मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी क्षीण होती है। इस पर अंकुश लगाने को लेकर अब शासन सख्त हो उठा है। पराली जलाने की घटना को लेकर जहां लेखपाल कि जिम्मेदारी तय की जाएगी तो इस पर नियंत्रण के लिए तहसीलवार एसडीएम के नेतृत्व में उड़न दस्ते भी गठित कर दिये गए है। दस्ते में शामिल होंगे तीन-तीन अधिकारी
- उप कृषि निदेशक अरबिद कुमार सिंह ने बताया कि पराली जलाने की घटना पर नियंत्रण के लिए जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने तहसीलवार उड़नदस्तों का गठन किया है। ज्ञानपुर व भदोही तहसील में वहां के एसडीएम के नेतृत्व में कृषि विभाग के तीन-तीन अधिकारियों को शामिल किया गया हैं। वहीं औराई तहसील में एसडीएम व कृषि विभाग के दो अधिकारी शामिल हैं।
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क्या है पराली : पराली धान के बचे हुए हिस्से को कहते हैं। जड़ें धरती में होती हैं, किसान धान की फसल पकने के बाद फसल का ऊपरी हिस्सा काट लेते हैं क्योंकि वही काम का होता है। अगली फसल बोने के लिए खेत खाली करने होते हैं तो इसलिए किसान फसल के बाकी हिस्से को यानी सूखी पराली को आग लगा देते हैं।
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इतना लगता है जुर्माना
खेत का रकबा जुर्माना रुपये
2 एकड़ तक 2500
2-5 एकड़ 5000
5 एकड़ से अधिक 15,000
(जुर्माने के साथ छह माह की सजा का भी प्रविधान है)