तुलसी के ऋण से मुक्त नहीं हो सकते सनातन धर्मी
हिंदी साहित्य परिषद की ओर से पुरानी बाजार ज्ञानपुर स्थित हनुमत निकेतन में संत
तुलसी के ऋण से मुक्त नहीं हो सकते सनातन धर्मी
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : हिंदी साहित्य परिषद की ओर से पुरानी बाजार ज्ञानपुर स्थित हनुमत निकेतन में गोस्वामी तुलसीदास की जयंती मनाई गई। मां वीणा वादिनी व तुलसीदास की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। दीनानाथ पाठक ने सरस्वती वंदना व डा. राजकुमार पाठक ने तुलसी वंदना प्रस्तुत की।
जयप्रकाश मिश्र मिलिंद को तुलसी सेवा साहित्य सम्मान से सम्मानित किया गया। पं. राधेश्याम तिवारी ने कहा कि रामचरित मानस तुलसीदास की कालजयी रचना है। सुरेश पांडेय मंजुल ने कहा दुनिया की हर समस्या का समाधान तुलसी साहित्य में निहित है। सनातन धर्मी कभी भी तुलसी के ऋण से मुक्त नहीं हो सकते। रामेश्वर राय व संत मंशाराम ने संगीतमय प्रस्तुति देकर उपस्थित लोगों को विभोर कर दिया। कई कवियों ने काव्य पाठ किया। काव्य पाठ करने में चंद्रभूषण पाठक, विद्यापति शुक्ल कोकिल, प्रतिभा शर्मा, पारसनाथ मिश्र, कैलाशनाथ घायल, कंहैयालाल दुबे निशांत, संदीप कुमार बालाजी व अन्य थे।