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साल्वर गैंग सक्रिय, वाट्स से भेजे जा रहे प्रश्न पत्र

माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षा में जिला प्रशासन डाल-डाल तो नकल माफिया पात-पात हैं। आलम यह है कि वित्तविहीन विद्यालयों में बनाए गए परीक्षा केंद्रों में लगे सीसीटीवी कैमरा और वायर रिकार्डर बीच-बीच में बंद कर दिया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Feb 2019 09:34 PM (IST)Updated: Sun, 17 Feb 2019 09:34 PM (IST)
साल्वर गैंग सक्रिय, वाट्स से भेजे जा रहे प्रश्न पत्र
साल्वर गैंग सक्रिय, वाट्स से भेजे जा रहे प्रश्न पत्र

जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) : माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षा में जिला प्रशासन डाल-डाल तो नकल माफिया पात-पात हैं। आलम यह है कि वित्तविहीन विद्यालयों में बनाए गए परीक्षा केंद्रों में लगे सीसीटीवी कैमरा और वायर रिकॉर्डर बीच-बीच में बंद कर दिया जा रहा है। इस बीच विषय विशेषज्ञ शिक्षक सवाल को हल करवा रहे हैं। जिले में भी साल्वर गैंग सक्रिय है। मोबाइल वाट्सएप के माध्यम से परीक्षा केंद्र से बाहर प्रश्न पत्र भेजे जा रहे हैं। तीन प्रमुख विषयों की परीक्षा खत्म होने के बाद भी सचल दल के अलावा सेक्टर और जोनल मजिस्ट्रेट खाक छान रहे हैं।

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शासन के सख्त निर्देश के बाद भी नकल माफियाओं के कारस्तानी पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। वित्तपोषित और राजकीय विद्यालयों में तो सख्ती बरती जा रही है लेकिन स्व वित्तपोषित (वित्तविहीन) मान्यता प्राप्त विद्यालयों में बेधड़क इमला बोला जा रहा है। सर्वाधिक स्थिति उन केंद्रों की खराब है जहां पर स्वकेंद्र प्रणाली के अंतर्गत बालिकाएं परीक्षा दे रही हैं। विकास खंड डीघ में स्थित स्ववित्तपोषित विद्यालयों में बेधड़क नकल कराई जा रही है। यही नहीं इसके एवज में छात्रों से मोटी रकम की भी वसूली की जा रही है। कोइरौना क्षेत्र के एक केंद्र से मोबाइल व्हाट्सप्प पर सवाल बाहर भेजकर हल कराया जा रहा है। सीसी कैमरा और वायस रिकार्डर बंद कर दिया जा रहा है। स्व वित्तपोषित विद्यालयों की प्रबंधक अपने छात्राओं की सी¨टग प्लान ही कुछ इस तरह तैयार किया है कि शिक्षक सीसी कैमरा के परिधि में आते ही नहीं हैं।

-स्टेटिक मजिस्ट्रेट भी हुए मैनेज

जिलाधिकारी की ओर से लगाए गए तमाम केंद्रों के स्टेटिक मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक और अन्य कर्मचारी भी प्रबंधकों से मैनेज हो चुके हैं। कक्षा- कक्षों में भ्रमण करने के बजाए प्रधानाचार्य के कक्ष में बैठकर मेहमान की तरह सेवा ले रहे हैं। स्कूल सूत्रों का कहना है कि स्टेटिक मजिस्ट्रेट के लिए प्रबंधकों ने अलग से व्यवस्था किया है। वह उसी व्यवस्था से प्रसन्न होकर भ्रमण करने के बजाए एक ही स्थान पर आसन जमाए हुए हैं। जानकारों का कहना है कि इन लोगों की ड्यूटी प्रति दिन बदल दी जाए तो नकल माफियाओं पर आसानी से अंकुश लगाया जा सकता है। परीक्षा केंद्रों पर लगातार भ्रमण कर निरीक्षण किया जा रहा है। अभी तक किसी भी केंद्र पर इस तरह का मामला प्रकाश में नहीं आया है। जहां पर भी शिकायत मिलेगी, संबंधित केंद्र व्यवस्थापकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। केंद्रों पर सीसी कैमरा और वायस रिकार्डर बंद मिलने पर किसी को बख्शा नहीं जाएगा।

अशोक कुमार चौरसिया, जिला विद्यालय निरीक्षक।


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