करदाताओं को राहत, छोटे कारोबारियों को उम्मीद
बजट में कर के नए स्लैब की घोषणा करते हुए वित्तमंत्री ने 5 लाख रुपये तक की आय तक टैक्स फ्री कर दिया है। इससे छोटे कारोबारियों को भारी राहत मिली है। हालांकि कालीन उद्यमियों को इसका कोई लाभ नहीं मिलने वाला है लेकिन उद्योग से जुड़े 15 से 20 फीसद छोटे उद्यमियों को जरूर लाभ मिलेगा। इसी तरह कालीन उद्योग हटकर कारोबार करने वाले भी लाभ के दायरे में आएंगे। सरकार को इस निर्णय का स्वागत किया जा रहा है। बताते चलें कि पहले ढाई लाख तक के आय पर कर की छूट थी।
जासं, भदोही : बजट में कर के नए स्लैब की घोषणा करते हुए वित्तमंत्री ने पांच लाख रुपये तक आमदनी वालों को टैक्स से मुक्त कर दिया है। छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत मिली है। कालीन उद्यमियों को लाभ नहीं मिलने वाला है, लेकिन उद्योग के 20 फीसद छोटे उद्यमियों को जरूर लाभ मिलेगा। कालीन उद्योग से हटकर कारोबार करने वाले भी दायरे में आएंगे। इस निर्णय का स्वागत हो रहा है। बताते चलें कि पहले ढाई लाख तक के आय पर कर की छूट थी। पांच लाख तक की आय वालों को कर में छूट जरूर मिली है, लेकिन इसका सीधा सीधा लाभ मिलता नहीं नजर आ रहा है। लघु और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) को आसान ऋण उपलब्ध कराने के लिए गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनी कानून में जरूरी संशोधन करने के सरकार के फैसले का स्वागत किया जा रहा है। प्रमुख औद्योगिक संगठनों का मानना है कि रिजर्व बैंक से एमएसएमई ऋण पुनर्गठन समयसीमा बढ़ाने की सरकार की मंशा का फलीभूत हुपई तो भविष्य में कालीन उद्योग को इसका लाभ मिलेगा। बजट में नए कर स्लैब की घोषणा पूर्व की अपेक्षा राहत प्रदान करने वाली है। हालांकि बात कालीन उद्योग की जाए तो इससे अधिक लोग लाभान्वित होने वाले नहीं हैं। बुनकर व कालीन व्यवसायी उक्त परिधि में नहीं आएंगे, लेकिन उद्योग से जुड़कर अन्य कारोबार करने वाले छोटे कारोबारियों को लाभ मिलेगा। नए टैक्स स्लैब का पूरा रोडमैप जब तक सामने नहीं आता तक तक कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
-सुहेल अतहर चार्टर्ड अकाउंटेंट पांच लाख तक आय को करमुक्त करने की घोषणा भले ही राहत वाली है, लेकिन पांच से साढ़े सात लाख तक आय पर 10 फीसद व 15 लाख से अधिक की आय पर कर स्लैब में वृद्धि कर सरकार ने व्यवसायियों पर दबाव बढ़ा दिया है। कालीन इंडस्ट्री में पांच लाख आय वालों की संख्या सीमित है, जबकि 10 लाख से 30 लाख आय वालों की बड़ी तादाद है। ऐसे में उनके लिए समस्या बढ़ जाएगी। बावजूद इसके छोटे कारोबारियों को राहत मिली है।
-आरके शुक्ला, चार्टर्ड अकाउंटेंट जीएसटी में रिफंड के सरलीकरण की घोषणा कालीन उद्यमियों को राहत प्रदान करने वाली है। इसके अलावा निर्यात बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा किए जाने वाले उपायों पर अमलीजामा पहनाया गया तो भविष्य में यह उद्योग के लिए फायदेमंद साबित होगा। बजट में इंफ्रास्टक्चर के लिए प्रावधान किया गया है। कालीन परिक्षेत्र में भी इसकी आवश्यकता है। इस दिशा में काम किया गया तो उद्योग हित में होगा।
-अब्दुल हादी, उपाध्यक्ष (एकमा) लघु और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) को आसान ऋण उपलब्ध कराने के लिए गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनी कानून में जरूरी संशोधन करने का फैसला कालीन उद्योग के लिए लाभदायक साबित होगा। जटिल प्रक्रिया के कारण व्यवसाय के लिए निर्यातकों को ऋण हासिल करना टेढ़ी खीर साबित होता है। सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए रिजर्व बैंक से एमएसएमई ऋण व्यवस्था को सरल बनाने की मंशा जताई है तो राहत प्रदान करने वाली है।
-ओएन मिश्रा, अध्यक्ष, एकमा