उठी आवाज, निजी स्कूलों में माफ किया जाय शुल्क
कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर स्कूल-कालेजों को 14 मार्च से ही बंद कर दिया गया है। फिलहाल लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल तक विद्यालय बंद ही रहेगा। इस तरह पूरे एक माह तक बंद रहने वाले अवधि का शिक्षण शुल्क निजी कांवेंट व नर्सरी विद्यालयों में न लिए जाने की आवाज उठाई गई है। शासन से इसे लेकर आदेश जारी करने की मांग की गई है ताकि अभिभावकों को राहत मिल सके।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर स्कूल-कालेजों को 14 मार्च से ही बंद कर दिया गया है। फिलहाल लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल तक विद्यालय बंद ही रहेगा। इस तरह पूरे एक माह तक बंद रहने वाले अवधि का शिक्षण शुल्क निजी कांवेंट व नर्सरी विद्यालयों में न लिए जाने की आवाज उठाई गई है। शासन से इसे लेकर आदेश जारी करने की मांग की गई है ताकि अभिभावकों को राहत मिल सके।
कोरोना वायरस संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौर में किसी को कोई दिक्कत न उठानी पड़े, शासन-प्रशासन द्वारा लोगों को सहूलियत देने की व्यवस्था की जा रही है। गरीब व असहाय परिवारों के लिए भोजन की व्यवस्था हो रही है तो उज्जवला योजना के गैस कनेक्शनधारकों को तीन माह तक मुफ्त रिफिलिग की सुविधा दी गई है। अन्य तरह की सहूलियतें दी जा रही हैं। निजी कान्वेंट व नर्सरी विद्यालयों में बंद अवधि का शुल्क माफ किया जाना चाहिए। कांग्रेस नेता संतोष सिंह बघेल, काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष सुरेश प्रकाश तिवारी आदि ने मुख्यमंत्री सहित जिला प्रशासन से मांग की है कि बंद अवधि का शिक्षण शुल्क पर रोक लगाने का आदेश जारी किया जाय।