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बनारस-प्रयागराज हाईवे प्रोजेक्ट गुपचुप हैंडओवर करने की तैयारी

हंडिया से राजातालाब तक निर्माण कराने के लिए स्वीकृत हैं 2447 करोड़ अधूरी है परियोजना

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Nov 2020 11:34 PM (IST)Updated: Fri, 06 Nov 2020 11:34 PM (IST)
बनारस-प्रयागराज हाईवे प्रोजेक्ट गुपचुप हैंडओवर करने की तैयारी
बनारस-प्रयागराज हाईवे प्रोजेक्ट गुपचुप हैंडओवर करने की तैयारी

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : बनारस-प्रयागराज को जोड़ने के लिए हंडिया से राजातालाब तक सिक्स लेन की योजना मई 2017 में स्वीकृत की गई थी। 2447 करोड़ रुपये स्वीकृत कर जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड को निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई। अभी प्रोजेक्ट पूर्ण भी नहीं हुए कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और एजेंसी के अफसरों के तालमेल से गुपचुप हैंडओवर करने की तैयारी की जा रही है। अकेले भदोही जिले में करीब 45 किमी लंबी परियोजना में जहां-तहां सर्विस लेन, नाली आदि का निर्माण पूर्ण नहीं हो सका है। ऊंज से बाबूसराय तक बस स्टैंड की बुनियाद भी नहीं रखी जा सकी है।

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प्रोजेक्ट में करोड़ो का गोलमाल

प्रोजेक्ट में करोड़ों का गोलमाल किए जाने से इन्कार नहीं किया जा सकता है। ऊंज से बाबूसराय तक नाली का निर्माण तो कराने का दावा किया जा रहा है लेकिन कनेक्शन नहीं किया जा सका है। नाले का पानी कहां गिराया जाएगा, इसका दूर-दूर तक पता नहीं है। पूरी की पूरी नाली मिट्टी से पटी पड़ी है। ढक्कन लगाने के पहले मिट्टी नहीं निकाली गई। बारिश के दौरान गोपीगंज में पावर हाउस में पानी भर गया था। पावर हाउस से जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने से बड़ी दिक्कत उठानी पड़ेगी। यह तो बानगी भर है। कहीं पर भी नाले को नहीं जोड़ा गया है।

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सर्विस लेने की गुणवत्ता भी घटिया

जहां पर भी सर्विस लेन का निर्माण किया गया है, गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया है। सर्विस लेन निर्माण में सफाई पर भी ध्यान नहीं दिया गया। वाहन चलाते समय जर्क महसूस होता है। नियमानुसार सर्विस लेन की भी गुणवत्ता हाइवे से कम नहीं होनी चाहिए।

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केस 1 : वहिदानगर में करीब एक किमी दूरी तक सर्विस लेन का निर्माण नहीं कराया जा सका है। खुला नाला छोड़ दिया गया है। जहां ढक्कन लगाए भी गए हैं तो वह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। आए दिन लोग गिरकर घायल हो रहे हैं। केस 2 : गोपीगंज पावर हाउस के सामने एक किमी सर्विस लेन का निर्माण नहीं कराया जा सका है। यही नहीं, नाली भी नहीं बनाई जा सकी है। आबादी बाहुल्य क्षेत्र में नाला खुला छोड़ दिया गया है।

वर्जन--

हंडिया खंड के सिक्स लेन को पूर्ण होन का अस्थायी प्रमाणपत्र दो नवंबर को जारी कर दिया गया। 90 फीसद कार्य पूर्ण होने पर यह प्रमाणपत्र एजेंसी को दिया जाता है। प्रमाण पत्र जारी होने के साथ ही टोल टैक्स बढ़ा दिया। इससे सरकार को नुकसान उठाना पड़ता। एजेंसी अभी 15 साल तक हाईवे का देखभाल करने के लिए रहेगी। पांच किमी सर्विस लेन और बस अड्डा का निर्माण नहीं कराया जा सका है। एजेंसी उसे पूर्ण कराएगी। इसके पश्चात उसे स्थायी प्रमाणपत्र दिया जाएगा।

अश्वनी राय, प्रोजेक्ट मैनेजर, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण।


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