पवनसुत ने जलाई लंका, बौखलाया रावण
जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) गोपीगंज क्षेत्र के छतमी गांव में चल रही सात दिवसीय रामलीला
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : गोपीगंज क्षेत्र के छतमी गांव में चल रही सात दिवसीय रामलीला के पांचवें दिन गुरुवार की रात अक्षय कुमार वध, लंका दहन, समुद्र पर सेतु का निर्माण कर लंका पर चढ़ाई करने आदि लीलाओं का मंचन हुआ। ठंड के बाद भी रामलीला स्थल पर जुटे श्रद्धालु दर्शक जयकारा लगाते रहे।
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम व सुग्रीव की मित्रता होने, बालि वध के बाद राज-पाट मिलने पर सुग्रीव की बानरी सेना माता सीता का पता लगाने के लिए निकल पड़ती है। समुद्र लांघकर पवन सुत हनुमान लंका में प्रवेश कर माता सीता का पता लगा लेते हैं। उनकी आज्ञा लेकर अशोक वाटिका में लगे फल को खाने लगे। बलशाली बानर को देख राक्षसी दल में हड़कंप मच गया। रखवालों ने पहले तो रोकने की कोशिश की लेकिन जब उन्हें सफलता नहीं मिली तो इसकी खबर लंका नरेश तक पहुंचा दी। रावण की आज्ञा से उनका पुत्र अक्षय कुमार अशोक वाटिका में पहुंचता है। अक्षय कुमार को पलक झपकते ही हनुमान ने मार गिराया। पुत्र मौत की खबर पाकर रावण बौखला गया। उसने तत्काल इंद्रजीत को बुलाकर बानर को पकड़कर सभा में लाने की आज्ञा दी। इंद्रजीत ने हनुमान को ब्रह्मफांस में बांध लिया और सभा में लेकर पहुंचा। क्रोध में तप रहे रावण ने कहा कि बानर को को अपनी पूंछ से विशेष लगाव होता है। इसलिए इसकी पूंछ में आग लगा दी जाए। इसके बाद हनुमान ने अपनी पूंछ की आग से पूरी लंका नगरी को जला डाला। लौटकर भगवान श्रीराम को पूरी जानकारी दी। युद्ध शुरू होने के पूर्व श्रीराम ने अंगद को भेजकर संधि करने का प्रस्ताव रखा। रावण ने संधि प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया। इस दौरान अंगद ने रावण की सभा में पांव जमाकर उठाने की चुनौती दी। रावण की सभा में मौजूद योद्धा उनके पांव हिला तक नहीं पाते। रावण द्वारा राज दरबार से भाई विभीषण को अपमानित कर निकाल दिया जाता है। वह राम के शरण में पहुंच जाते हैं यहीं मंचन समाप्त हो जाता है।