उपकरण में लगा जंग, नहीं होता है अस्पतालों में आपरेशन
जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) सड़क हादसे की जानकारी होते ही आपातकालीन कक्ष में बै
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : सड़क हादसे की जानकारी होते ही आपातकालीन कक्ष में बैठे महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल के चिकित्सक इलाज के पहले रेफर की पर्ची तैयार करने लगते हैं। सरकारी अस्पतालों की यह स्थिति तब है जब सरकार पूरी क्षमता से स्वास्थ्य व्यवस्था को सु²ढ़ और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस कर रही है। करोड़ों खर्च कर बने आपरेशन थिएटर में रखे गए उपकरणों में जंग लग चुके हैं। हाइड्रोसील और आंख के आपरेशन ने चिकित्सकों की नाक बचाई है।
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अस्पतालों में नहीं है सुविधा, ड्यूटी से भागते हैं चिकित्सक
सरकारी अस्पतालों में इक्कीसवीं सदी में भी सुविधा के नाम पर महज खानापूर्ति की जाती है। प्रत्येक साल लाखों- करोड़ों रुपये का वारा-न्यारा कर दिया जाता है। उपकरण, फर्नीचर और बेड आदि खरीद में पानी की तरह धन बहा दिए जाते हैं लेकिन अस्पतालों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। मामूली चोट लगने पर भी चिकित्सक तत्काल मरीज को दूसरे जनपद के लिए रेफर कर देते हैं।
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सर्जन चिकित्सक भी हैं उदासीन
महाराजा बलवंत सिंह अस्पताल में एक जनरल सर्जन व आंख संबंधी दो सर्जन हैं। सीएचसी औराई में भी जनरल सर्जन की तैनाती की गई है। महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल में दो सर्जन की तैनाती की गई है। संसाधन और सुविधा का बहाना बनाकर वह आपरेशन नहीं करते हैं। सुरियावां, डीघ व गोपीगंज सीएचसी में सर्जन चिकित्सक की तैनाती नहीं है।
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कराहती प्रसव पीड़िता कर दी जाती हैं रेफर
- अस्पतालों में कराहती प्रसव पीड़िता को आपरेशन करने के बजाए उन्हें रेफर कर दिया जाता है। वह किसी प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने के लिए मजबूर हैं। प्राइवेट अस्पताल संचालक भी मनमानी तरके से वसूली करते हैं। गरीब परिवार तो पूरी तरह एक ही बच्चे में उजड़ जाता है।
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- अस्पताल में एक जनरल व दो आंख के सर्जन चिकित्सक तैनात हैं। जरूरत पर मरीजों को आपरेशन की सुविधा मुहैया कराई जाती है।
- डा. जय नरेश, चिकित्सा अधीक्षक, महाराजा बलवंत सिंह अस्पताल, भदोही।