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यात्री बेहाल, रेलवे को करोड़ों की चपत

रेलवे द्वारा वाराणसी-लखनऊ रेलखंड की कुछ ट्रेनों को रद करने तथा कुछ को परिवर्तित मार्ग से चलाने के कारण जहां हजारों लोगों की यात्रा प्रभावित हो रही है वहीं रेलवे को भी करोडों की चपत लग रही है। विडंबना यह है कि उक्त स्थिति आगामी 10 अक्टूबर तक रहेगी जो रेलयात्रियों के लिए ¨चता का विषय है। उधर स्टशनों से होने वाली अर्निंग भी औंधे मुंह आ गिरी है। प्रमुख ट्रेनों का परिचालन प्रभावित से होने से स्थानीय स्टेशन की आमदनी 50 से 60 फीसद कम हुई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Oct 2018 08:37 PM (IST)Updated: Mon, 08 Oct 2018 08:37 PM (IST)
यात्री बेहाल, रेलवे को करोड़ों की चपत
यात्री बेहाल, रेलवे को करोड़ों की चपत

जागरण संवाददाता, भदोही : रेलवे द्वारा वाराणसी-लखनऊ रेलखंड की कुछ ट्रेनों को रद करने तथा कुछ को परिवर्तित मार्ग से चलाने के कारण जहां हजारों लोगों की यात्रा प्रभावित हो रही है वहीं रेलवे को भी करोडों की चपत लग रही है। विडंबना यह है कि उक्त स्थिति आगामी 10 अक्टूबर तक रहेगी। उधर स्टशनों से होने वाली अर्निंग भी औंधे मुंह आ गिरी है। प्रमुख ट्रेनों का परिचालन प्रभावित से होने से स्थानीय स्टेशन की आमदनी 50 से 60 फीसद कम हुई है।

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प्रतापगढ़ स्टेशन पर चल रहे नान इंटरला¨कग कार्य के कारण सात अक्टूबर से 10 तक उक्त मार्ग की कई ट्रेनों का परिचालन जहां रद कर दिया गया है वहीं कुछ प्रमुख गाड़ियां परिवर्तित मार्गों से चलाई जा रही हैं। इस दौरान जहां सैकड़ों यात्रियों को अपनी यात्रा रद करनी पड़ रही है वहीं रेलवे को लाखों की चपत लग रही है। बताते चलें कि वाराणसी से लखनऊ के बीच चलने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस तथा सवारी गाड़ी वीपीएल का परिचालन रद कर किया गया है। इसके अलावा पुरी से नई दिल्ली के बीच चलने वाली नीलांचल एक्सप्रेस, वाराणसी-जाफराबाद-सुल्तानपुर-उतरेटिया के माध्यम से तथा हावड़ा से अमृतसर को जाने वाली अप पंजाब मेल को भी परिवर्तित मार्ग से चलाया जा रहा है। इसी तरह वाराणसी-देहरादून एक्सप्रेस का परिचालन वाराणसी-जंघई-फाफामऊ-रायबरेली रेलमार्ग से किया जा रहा है। इसके कारण रेलखंड के यात्रियों के सामने गंभीर समस्या खड़ी हो गई है। यही कारण है कि वाराणसी-लखनऊ वाया जंघई रेलखंड के स्टेशनों की अर्निंग भी प्रभावित हुई है।

नजीर के तौर पर स्थानीय स्टेशन की प्रतिदिन पांच से छह लाख की अर्निंग है जो इन दिनों घटकर तीन से साढ़े तीन लाख पर आ गई है। रेलखंड के अन्य स्टेशनों परसीपुर, कपसेठी, मोढ़, सुरियावां, सरायकंसराय, जंघई आदि का भी यही हाल है। कुल मिलाकर देखा जाए तो रेलवे को प्रतिदिन करोड़ों की क्षति हो रही है। इस बाबत स्टेशन अधीक्षक कोमल ¨सह का कहना है कि प्रमुख ट्रेनों के रेलमार्ग से न चलने तथा इंटरसिटी, वीपीएल जैसी गाड़ियों के रद होने से निश्चित रूप से अर्निंग प्रभावित हुई है। बताया कि इसके कारण 30 से 35 फीसद आमदनी कम हो गई है।


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