शहर की जर्जर सड़कों पर अब लखनऊ में पंचायत
----------------- जागरण संवाददाता भदोही शहर की सड़कें गड्ढे में हैं। एक नहीं कई
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जागरण संवाददाता, भदोही : शहर की सड़कें गड्ढे में हैं। एक नहीं कई सड़कों पर चलना मुश्किल है, बावजूद इसके दो महीने बाद भी भदोही औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) यह तय नहीं कर पाया कि वह प्रस्ताव किस सड़क का भेजे। बीडा प्रबंधन के सामने अजीब समस्या खड़ी हो गई है। दरसअल वह जीर्णोद्धार परियोजना में जिन रोडों को शामिल करना चाह रहे थे, उनका प्रस्ताव पहले ही लोक निर्माण विभाग ने भेजा हुआ है। उन पर सहमति अभी तक नहीं मिली है। इस असमंजस को अब लखनऊ में दूर किये जाने पर सहमति बनी है। इसको लेकर सात दिसंबर को सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने बैठक बुलाई है। इसमें बीडी सीईओ से सड़कों पर मंथन होगा, उनके निर्देश पर ही प्रस्ताव को अंतिम रुप मिलेगा। बीडा ने कुछ सडकों की सूची भी बनाई है, जिस पर अंतिम मुहर बैठक में ही लगेगी।
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समयसीमा गुजरी, नहीं तय हो सकी है सड़कें
दो महीने पहले बीडा को निर्देश दिये थे कि कालीन नगरी को सुविधाओं से लैस किया जाए। जर्जर सड़कें कायदे से बनवाई जाए ताकि कालीन निर्यात को बल मिले और विदेशी आयातक अगर भदोही आएं तो उन्हें कोई समस्या नहीं होनी चाहिये। प्रस्ताव मांगे जाने के बाद भी बीडा ने गंभीरता नहीं दिखा। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में ही बीडा को पत्र मिला था। 25 दिन की समयावधि दी गई थी। बीडा ने चार नवंबर को मथुरापुर हाईवे से नईबाजार मार्ग का सर्वे किया था। कई सड़कों का निरीक्षण किया गया।
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सीईपीसी के सुझावों पर अमल
बीडा अधिकारियों की मानें तो कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) ने रेवड़ा परसापुर-रामरायपुर मार्ग व सर्विसलेन सहित कई सड़कों के निर्माण का सुझाव दिया है लेकिन इन सड़कों का प्रस्ताव पहले ही पीडब्ल्यूडी ने भेआ हुआ है।
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कोट --- सीईपीसी व एकमा पदाधिकारियों के साथ वार्ता हो चुकी है। अधिकतर सड़कों के निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। सात दिसंबर को लखनऊ में प्रमुख सचिव के साथ बैठक है। इस संबंध में वार्ता करने के बाद स्टीमेट पर काम किया जाएगा। ---- कृतिका ज्योत्सना, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, भदोही औद्योगिक विकास प्राधिकरण