थानाध्यक्ष कोइरौना सहित चार पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश
न्यायपीठ बाल कल्याण समिति की अदालत ने तत्कालीन कोइरौना थानाध्यक्ष सहित चार के खिलाफ किशोर न्याय (बालकों की देख रेख और संरक्षण)अधिनियम 2015 के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया है।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : न्यायपीठ बाल कल्याण समिति की अदालत ने तत्कालीन कोइरौना थानाध्यक्ष सहित चार के खिलाफ किशोर न्याय (बालकों की देख रेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया है। इसके साथ ही दोषी कर्मियों को संबंधित थाने से स्थानांतरित करने के लिए एसपी को आदेशित किया है।
पुलिस पर आरोप है कि अप्रैल 2019 में कोईरौना थाना क्षेत्र का एक अनुसूचित जाति के नाबालिग किशोर गंगा घाट पर अपने कपड़े की धुलाई करने के बाद स्नान कर घर लौट रहा था। उसी समय किसी के कहने पर एक चार पहिया वाहन चालक ने उसे अपनी गाड़ी से रुपये और मोबाइल चोरी करने की आशंका में पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने नाबालिग को 30 घंटे से अधिक समय तक थाने में बिना खाना-पानी के रखा और उसके अभिभावक से भी नहीं मिलने दिया। दूसरे दिन शाम को उसकी तबियत अधिक खराब होने एवं बेहोश होने पर सरकारी चिकित्सक से उसे दवा कराकर रात्रि 10 बजे नाबालिग और उसकी मां से सादे कागज पर हस्ताक्षर करवाकर उसके घर ले जाकर छोड़ दिया। न्यायपीठ के समक्ष गांव के सभ्रांत एवं चिकित्सक ने भी बयान दर्ज कराया। पुलिस कर्मियों ने किशोर न्याय कानून का उल्लंघन किया है। पीड़ित नाबालिग किशोर राज्य, मंडल, जिला स्तर का प्रतिभावान खिलाड़ी एवं प्रतिष्ठित विद्यालय का छात्र है। जांच में संकलित साक्ष्यों के परिशीलन के पश्चात न्यायपीठ के अध्यक्ष डा. अनिल कुमार श्रीवास्तव, दीपक कुमार रावत, आनंद कुमार दुबे, रमाशंकर यादव और महिला सदस्य अर्चना सिंह ने दोषी पुलिस कर्मी राजकुमार शुक्ला, मिट्ठू यादव, चौकी प्रभारी अरुण कुमार मिश्र सहित तत्कालीन थानाध्यक्ष के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया है।