एक चिकित्सक और तीन कर्मियों का वेतन काटा
चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की मनमर्जी के आगे तड़प रहे मरीजों की जान चली जा रही है। इसके बावजूद भी वेतन के रुप में मोटी रकम लेने वाले अस्पतालों में तैनात चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों के रवैया में सुधार नहीं हो रहा है। जिससे जिले के सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था बदहाल हो गई है। जिससे चितित सीएमओ डा. लक्ष्मी सिंह ने गरीब मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए खुद कमान हाथ में ले लिया है। इसी अभियान के तहत मंगलवार की देर रात औराई और सुरियावां अस्पताल पर धमक पड़ीं।
जागरण सवांददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की मनमानी पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। इसका उदाहरण भी मंगलवार की रात देखने को मिला। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. लक्ष्मी सिंह अचानक औराई और सुरियावां अस्पताल पर धमक पड़ीं। निरीक्षण में औराईं में प्रसव पीड़िता से रिश्वत लेने पर दो स्वास्थ्य कर्मियों व सुरियावां में ईमरजेंसी में कुंडी लगाकर नींद लेते पाए जाने पर चिकित्सक व एक स्वास्थ्य कर्मी का वेतन काटने का निर्देश दिया है। चेताया कि रवैया में सुधार नहीं आया तो कठोर कार्रवाई के लिए तैयार रहे।
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- केस - एक -
- मंगलवार की रात के 10.50 बजे। अस्पतालों की हकीकत देखने के लिए सीएमओ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र औराई पहुंची। जानकारी होते ही अफरा-तफरी मच गई। इमरजेंसी के अभिलेखों का अवलोकन किया। इसके बाद पहुंच गईं प्रसव कक्ष। बेड पर उपरौठ निवासी सुरेखा पत्नी हरि शंकर और पुरुषोत्तमपुर निवासी अंजू पत्नी बुद्धिराम प्रसूता भर्ती मिलीं। सुविधाओं की जानकारी लेने पर अंजू की आंखें नम हो गईं। जुबान खोली तो संबंधित कर्मियों के पैरों तले जमीन खिसक गई। बताया कि प्रसव के एवज में स्टाफ नर्स सुनीता देवी ने 300 रुपये व दाई पुष्पा देवी ने 100 रुपये रिश्वत लिया है। सुनते ही उनके तेवर तल्ख हो गए और कर्मियों पर बिफर गईं। फटकार लगाते हुए दोनों का जुलाई माह का वेतन काटने का निर्देश दिया है।
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केस - दो -
- रात के 12 बजे सीएमओ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुरियावां पहुंची। प्रसव कक्ष देखा तो प्रसूता भर्ती न होने के बावजूद कर्मी तैनात मिलीं। लेकिन इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक डा. आनंद स्वरुप व वार्ड ब्वाय अरविद गेट में कुंडी लगाकर अपने कमरे पर सो रहे थे। स्टाफ नर्स से बुलवाने के बाद भी 20 मिनट तक इंतजार करना पड़ा। कुंडी लगाने का कारण पूछने पर स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए। जिस पर फटकार लगाई। दोनों लोगों का एक दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया। व्यवस्था दुरुस्त करने का अधीक्षक को निर्देशित किया। जिम्मेदार से जवाब-तलब कर अधीक्षक को तीन दिन में रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। अस्पताल में गंदगी व अन्य अव्यवस्थाओं में सुधार लाने की अधीक्षक को हिदायत दिया।
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एंबुलेंस देने का निर्देश
-जांच के दौरान सीएमओ निर्धारित प्वाइंट औराईं कोतवाली पर एंबुलेंस की मौजूदगी की जांच करने पहुंच गईं। एंबुलेंस न मिलने पर जिला प्रभारी से कोतवाली में तत्काल एंबुलेंस उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।