एड्स पाजिटिव का नहीं मलाल, जीवन जी रहे खुशहाल
जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) रिपोर्ट एड्स पाजिटिव आई। जरा सी चिता बढ़ी लेकिन तुरंत
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : रिपोर्ट एड्स पाजिटिव आई। जरा सी चिता बढ़ी लेकिन तुरंत ही मन मस्तिष्क को नियंत्रित किया। डरने नहीं जुट गए लड़ने में। एक संगठन से जुड़े करीब 2000 सदस्यों ने साबित कर दिया कि एड्स पाजिटिव होने के बाद भी खुशहाल जिदगी व्यतीत की जा सकती है। बस जरूरत है तो चिता व तनावमुक्त रहकर संयमित व नियमित दिनचर्या व पौष्टिक आहार के सेवन की।
दरअसल, एड्स पाजिटिव रिपोर्ट आने के बाद तमाम लोगों की चिता बढ़ जाती है। साथ ही पीड़ित व्यक्ति को लेकर आम लोगों में भी तरह-तरह की भावना जन्म लेने लगती है। इस सब परिस्थितियों के बाद भी संगठन के जुड़े सदस्यों ने ठाना की डरने नहीं बल्कि लड़ने की जरूरत है। संगठन खड़ा किया और जुट गए एड्स पीड़ितों को संगठित कर उन्हें स्वास्थ्य की देखभाल के लिए जागरुक करने में। परिणाम भी सार्थक आया। और वह आम लोगों की तरह की खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं। संगठन के जिलाध्यक्ष रंग बहादुर सिंह ने बताया कि करीब डेढ़ दशक पूर्व उनकी रिपोर्ट पाजिटिव आई। एकबारगी तो चिता हुई लेकिन वह डरे नहीं। बताया कि संयमित व नियमित दिनचर्या को अपनाकर एड्स के बाद भी पूरी तरह स्वस्थ रहा जा सकता है। बताया कि समय से दवा लेने के साथ पौष्टिक व आहार में चना, दलिया, दूध सहित मीट, मछली, अंडे को शामिल कर स्वस्थ रहा जा सकता है।