Move to Jagran APP

मेडिकल कचरा निस्तारण में लापरवाही, कीजिये कार्रवाई

चकाचौंध साज सज्जायुक्त युक्त आलीशान बिल्डिग में संचालित निजी अस्पतालों में अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा किया जा रहा है। गंभीर बीमारी की दशा में सक्षमता न होते हुए भी गरीब लोग भी सरकारी अस्पतालों की ओर रुख न कर ऐसे अस्पतालों में अच्छे ईलाज की उम्मीद पाले आर्थिक शोषण का शिकार हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Nov 2019 04:50 PM (IST)Updated: Sat, 02 Nov 2019 04:50 PM (IST)
मेडिकल कचरा निस्तारण में लापरवाही, कीजिये कार्रवाई
मेडिकल कचरा निस्तारण में लापरवाही, कीजिये कार्रवाई

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : करीब पांच महीने पहले की बात है। सेहत महकमे ने मेडिकल कचरे के निस्तारण में लापरवाही बरतने के कारण आठ निजी अस्तपालों पर कार्रवाई की थी। उन्हें यूं जिदगी से खिलवाड़ न करने की सख्त हिदायत दी और नोटिस पकड़ाई। इन अस्पतालों में फिर से बेरोकटोक जहर घोला जा रहा है। मेडिकल कचरा यंत्र में निस्तारण करने के बजाय इधर-उधर फेंक दिया जा रहा है। कूड़ों में भी यह कचरे खूब मिल रहे हैं। नगर पालिका परिषद भदोही में कार्यरत सफाई कर्मचारियों ने पिछले दिनों कुछ मामले पकड़े भी थे। इसलिए अब ऐसे अस्पतालों के खिलाफ सीएमओ को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिये तभी सीपीसीबी की मंशा के अनुरुप पर्यावरण संरक्षण संभव हो सकेगा।

loksabha election banner

------------

कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति : बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण की व्यवस्था न होने से 16 अप्रैल को सीएमओ ने निरीक्षण के बाद आठ अस्पतालों का लाइसेंस निरस्त कर दिया था। 76 अस्पतालों में भी व्यवस्था मानक के अनुरुप नहीं मिली थी। उन्हें कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी लेकिन अस्पतालों में निस्तारण की व्यवस्था सुचारु न होने से खानापूर्ति कर रहे हैं।

-----------

बगैर लाइसेंस अस्पतालों की अनदेखी : भले ही जिले में निजी अस्पतालों के संचालन की संख्या सीएमओ कार्यालय के अभिलेखों में करीब 110 हो, लेकिन सच्चाई यह है कि यह आंकड़ा हजार के पार है, जिसमें अधिसंख्य बगैर विभागीय लाइसेंस के ही लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे अस्पतालों में बगैर डिग्री के अप्रशिक्षित चिकित्सकों के उपचार करने से अनहोनी घटनाओं का लोग शिकार हो रहे हैं।

---------

- सीएमओ डा. लक्ष्मी सिंह ने बताया कि केंद्रीय पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के वेस्ट एथराइजेशन प्रमाण पत्र के बगैर किसी भी अस्पताल का संचालन नहीं किया जा सकता। बॉयोमेडिकल वेस्ट निस्तारण के लिए अस्पतालों में व्यवस्था होना अनिवार्य है। औचक निरीक्षण किया जा रहा। मानकों की अनदेखी करने वाले निजी अस्पताल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।

- डा. लक्ष्मी सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, भदोही


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.