बदलते परिवेश में तकनीकी ज्ञान होना आवश्यक
डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी राजकीय महाविद्यालय में चल रहे तीन दिवसीय ई-शिक्षण और अधिगम उपकरण और तकनीकी विषयय कार्यशाला का मंगलवार को समापन हो गया। अंतिम दिन विद्वान वक्ताओं द्वारा सबंधित विषय पर विचार व्यक्त किए गए। डा. मुकेश पाठक डिप्टी लाईब्रेरियन स्थापत्य और वास्तुकला विद्यालय भोपाल ने सॉफ्टवेयर के माध्यम से शैक्षणिक क्षेत्र में साहित्यिक चोरी से बचने और पकड़ने की विधि से अवगत कराया। साथ ही ओपन एक्सेस जनरल्स व वेबसाइट से परिचय कराया।
जासं, भदोही : डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी राजकीय महाविद्यालय में चल रहे तीन दिवसीय ई-शिक्षण और अधिगम: उपकरण और तकनीकी विषयय कार्यशाला का मंगलवार को समापन हो गया। स्थापत्य और वास्तुकला विद्यालय भोपाल के डिप्टी लाइब्रेरियन डा. मुकेश पाठक ने सॉफ्टवेयर के जरिये शैक्षणिक क्षेत्र में साहित्यिक चोरी पकड़ने की विधि बताई। ओपन एक्सेस जनरल्स व वेबसाइट से परिचय कराया। डा. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली के सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर डा. दीपक बिश्ला ने मूडल सॉफ्टवेयर के बारे में बताया। कहा कि मूडल गूगल क्लासरूम की तरह है लेकिन यह फ्री में इंटरनेट पर सभी के लिए उपलब्ध है। मुख्य अथिति महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी के विज्ञान एवं तकनीकी संकाय के डीन प्रो. सत्या सिंह ने अपने विचार प्रकट किये। मुख्य अतिथि को प्राचार्य प्रो. मुरलीधर राम ने ई-मेमेंटो देकर सम्मानित किया। आयोजन सचिव डा. राजकुमार सिंह यादव ने बताया कि तीन दिन तक चले कार्यशाला में 25 राज्यों से 899 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया। 10 विद्वान वक्ताओं छह सत्रों में प्रतिभागियों को नई-नई टूल्स और तकनीक से परिचय कराया। डा. श्वेता सिंह, डा. माया यादव ने संचालन किया। समन्वयक डा. यशवीर सिंह ने धन्यवाद दिया। ई-कार्यशाला के कोआर्डिनेटर डा. अनीश कुमार मिश्रा ने तकनीकी सहयोग प्रदान किया।