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सैटेलाइट से की जा रही पराली जलाने की निगरानी

घरांव स्थित कृषि भवन में विश्व मृदा दिवस पर आयोजित कृषि गोष्ठी में किसानों को खेत की मिट्टी की स्वास्थ्य की जानकारी दी गई। उप कृषि निदेशक अरविद कुमार सिंह ने कहा कि खेतों में अवशेष जलाने की निगरानी राज्य स्तर पर सैटेलाइट से की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 04:23 PM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 04:23 PM (IST)
सैटेलाइट से की जा रही  पराली जलाने की निगरानी
सैटेलाइट से की जा रही पराली जलाने की निगरानी

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : घरांव स्थित कृषि भवन में विश्व मृदा दिवस पर आयोजित कृषि गोष्ठी में किसानों को खेत की मिट्टी की स्वास्थ्य की जानकारी दी गई। उप कृषि निदेशक अरविद कुमार सिंह ने कहा कि खेतों में अवशेष जलाने की निगरानी राज्य स्तर पर सैटेलाइट से की जा रही है। इसके माध्यम से प्रदेश मुख्यालय से रिपोर्ट भेजी जा रही है। इसी के आधार पर मुकदमा दर्ज करने और जुर्माना आदि की कार्रवाई की जा रही है।

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उन्होंने कहा कि धान की कटाई शुरू होने के साथ ही एक बार फिर से प्रदूषण के रखरखाव की चिता कृषि विभाग के अधिकारियों को सताने लगी है। पराली का जिन्न फिर से जिदा हो गया है। इस जिन्न को काबू में करने के लिए कृषि विभाग के प्रदेश मुख्यालय से यूपी मोडिस सैटेलाइट से भदोही को भी जोड़ दिया गया है। पराली जलाने वाले किसानों पर त्रिस्तरीय निगाह रखी जा रही है। इसमें मोडिस सैटेलाइट सहित कृषि विभाग के अधिकारी से लेकर तहसील स्तर के प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी किसानों पर निगाह रखेंगे। सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों पर ढाई हेक्टेयर पर 2500 रुपये, पांच हेक्टेयर पर पांच हजार रुपये और पांच हेक्टेयर से ऊपर खेतों पर 10 हजार रुपये का जुर्माना तय किया है। अगर कोई भी किसान सैटेलाइट या अधिकारी-कर्मचारियों की निगाह में आएगा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित कर दिया जाएगा। इस दौरान कृषि वैज्ञानिक डा. शिशिर कुमार, रामकुबेर यादव आदि ने फसलों के अवशेष को नष्ट करने और जीरोट्रिल के माध्यम से बोआई करने की जानकारी दी।


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