मनरेगा का काम बंद, सवा लाख मजदूर बेकार
जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की रफ्तार सुस्
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही): महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की रफ्तार सुस्त पड़ गई है। इस महात्वाकांक्षी योजना को लेकर ग्राम प्रधान और अधिकारी उदासीन बने हुए हैं। आलम यह है कि जिले में हजारों की संख्या में जाब कार्डधारक बेरोजगार हो चुके हैं तो वहीं इतनी कम मजदूरी पर मजदूर खोजे नहीं मिल रहे हैं।
वित्तीय वर्ष 2008-09 में जनपद में शुरू हुई योजना मनरेगा में अब तक अरबों रुपये खर्च हो चुके हैं। बावजूद इसके जिले में योजना की स्थिति जस की तस बनी हुई है। रिकार्ड पर गौर किया जाए तो जिले में करीब सवा लाख जाब कार्डधारक पंजीकृत हैं। इसके सापेक्ष अब तक करीब 50 हजार परिवार को रोजगार मुहैया कराया जाता रहा है। शुरूआती दौर के छह वर्ष में तो स्थिति संतोषजनक रही लेकिन वित्तीय वर्ष 2014-15 में पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है। अनलाक में गांव लौटे प्रवासियों को रोजगार देने के लिए सरकार की ओर से शिकंजा कस दिया गया था। इस दौरान 32,000 श्रमिकों को रोजगार भी दिए जाने दावा किया जा रहा था लेकिन इधर दो माह से जहां-तहां प्रोजेक्ट ठप पड़ गए हैं। आवास और अन्य मद में बजट भेजकर अपनी नौकरी पक्की की जा रही है। गाइडलाइन के अनुसार मजदूरों को सौ दिन का काम नहीं मिल पाया। जिला समन्वक राजाराम ने बताया कि जिस रफ्तार से काम चलना चाहिए उस रफ्तार से काम नहीं हो पा रहा है। 15 दिनों से मनरेगा की साइट ही नहीं चल रही है।
---------------------
सरकारी विभाग भी फिसड्डी
लोक निर्माण और वन विभाग को मनरेगा योजना में बजट जारी किया गया था। वन विभाग तो कुछ हद तक काम पूरा कर लिया है लेकिन लोक निर्माण विभाग अभी भी फिसड्डी है। उसके कई प्रोजेक्ट अभी भी ठप पड़ गए हैं। बार-बार रिपोर्ट मांगी जा रही है लेकिन वह कन्नी काट रहे हैं।