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विधायक के रिश्तेदार व पूर्व ब्लाक प्रमुख के घर धमकी महाराष्ट्र पुलिस

जागरण संवाददाता गोपीगंज (भदोही) विधायक विजय मिश्र पर मुकदमा दर्ज कराने वाले रिश्तेदार कृष्

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Jul 2021 09:25 PM (IST)Updated: Thu, 01 Jul 2021 09:25 PM (IST)
विधायक के रिश्तेदार व पूर्व ब्लाक प्रमुख के घर धमकी महाराष्ट्र पुलिस
विधायक के रिश्तेदार व पूर्व ब्लाक प्रमुख के घर धमकी महाराष्ट्र पुलिस

जागरण संवाददाता, गोपीगंज (भदोही) : विधायक विजय मिश्र पर मुकदमा दर्ज कराने वाले रिश्तेदार कृष्णमोहन तिवारी और भतीजे पूर्व ब्लाक प्रमुख मनीष चंद मिश्र की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। मुंबई के कोलसेवाड़ी थाने में दर्ज दुष्कर्म और मारपीट मामले में गुरुवार को एक बार फिर पहुंची महाराष्ट्र पुलिस ने कौलापुर सहित कई ठिकानों पर छापेमारी की। इसकी भनक लगते ही दोनों लोग फरार हो गए। जानकारी होते ही एक रिश्तेदार ने कोतवाली में पहुंचकर पूर्व ब्लाक प्रमुख के ठिकानों की जानकारी दी लेकिन पुलिस के हाथ सफलता नहीं मिली।

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मुंबई के एसएस राव रोड परेल निवासी एक युवती ने कोलसेवाड़ी थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया था कि वह प्राइवेट कंपनी में सेल्स मैनेजर के पद पर नौकरी करती है। इसी बीच मनीष चंद मिश्र और कृष्णमोहन तिवारी से जान-पहचान हुई। मनीष ने उसे बताया कि उनका आरटीओ आफिस नंदीवली कल्याण में नया निर्माण चल रहा है। उसी में आफिस मैनेजर पद पर रख देंगे। इसी संदर्भ में उन्होंने उसे फोन कर कल्याण में बुलाया और निर्माण कार्य को लेकर बात हुई। एडवांस के रूप में उन्होंने 5,000 रुपये भी दिए। इसके पश्चात स्वीट-डिश बताकर बिहार की मिठाई खाने के लिए दी। कुछ देर बाद वह बेहोश हो गई, जब उसे होश आया तो उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे। पीड़िता ने मनीष चंद मिश्रा और कृष्णमोहन तिवारी के मोबाइल फोन पर काल भी किया लेकिन उनका मोबाइल स्वीच आफ बताया। कुछ दिन बाद मनीष चंद मिश्रा ने उसे फोन कर वीडियो वायरल करने की धमकी दी। पीड़िता ने आरोप लगाया कि इस बीच वह धमकी देकर दुष्कर्म करते रहे। इस मामले में दोनों आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए महाराष्ट्र पुलिस दूसरी बार धमकी है। प्रभारी निरीक्षक केके सिंह ने बताया कि महाराष्ट्र पुलिस ने छापेमारी की थी लेकिन कोई गिरफ्तार नहीं हो सका है। पूर्व ब्लाक प्रमुख मनीष चंद मिश्रा का कहना है कि उन्हें साजिश के तहत फंसाया जा रहा है ताकि वह ब्लाक प्रमुख पद पर चुनाव न लड़ सकें। इस मामले में उन्हें अंतरिम जमानत मिल चुकी है।


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