मदरसों में वेतन घोटाले की बैठी जांच
मदरसे में वेतन भुगतान में सामने आई अनियमितता की जांच परियोजना निदेशक मनोज कुमार सिंह करेंगे। डीएम की ओर से उन्हें जांच सौंपी गई है। जिले में सात अनुदानित मदरसे संचालित हैं।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : मदरसों में भी तालीम के नाम पर खेल हो रहा है। बगैर पढ़ाए मदरसा शिक्षकों को वेतन का भुगतान कर दिया जा रहा है। शिक्षक मदरसे में झांकने तक नहीं गये, लेकिन उनका वेतन निकल गया। जिले में संचालित अनुदानित सात मदरसों को नोटिस जारी कर अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने जब जांच के दायरे में खड़ा किया। जागरण ने अपने 19 अप्रैल से अंक में 'तालीम के नाम पर वेतन घोटाला' शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित किया तो मामले को संज्ञान में लेते हुए डीएम राजेंद्र प्रसाद ने जांच बैठा दी है। अब मामले की सच्चाई सामने आएगी।
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एक शिक्षक के भुगतान को लेकर गरमाया था मामला
- मदरसा मदीनतुल इल्म पीरखांपुर, भदोही में एक शिक्षक के दो माह की बीमारी अवधि का भी वेतन करीब डेढ़ लाख रुपये बगैर किसी निर्धारित कागजी प्रक्रिया का पालन किए आहरित कर लिया गया। सामने आए इस प्रकरण से ही वेतन घोटाला का मामला गरमा गया था। इसकी जांच अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने शुरू कराई। इसके बाद उनके उपर भी कई आरोप लगने शुरू हो गए। हालांकि अब मामले को डीएम ने पीडी मनोज कुमार सिंह व उपायुक्त मनरेगा सुनील कुमार तिवारी को सौंपी है। सात मदरसों में तैनात हैं 130 शिक्षक
- जिले में संचालित सात अनुदानित मदरसों में 130 शिक्षक तैनात हैं। जनवरी 2018 से मार्च 2019 के मध्य तक सातों मदरसों में करीब छह करोड़ रुपये वेतन का भुगतान हुआ है। इसे लेकर शिकायत उठी थी कि कहीं अवकाश अवधि का पैसा निकाला गया है तो कहीं नियम विरुद्ध तरीके से संचालकों ने शिक्षकों की नियुक्ति कर ली थी। - डीएम की ओर से जांच अधिकारी नामित किया गया है। मामले की जांच शुरू भी कर दी है। जांच पूरी कर रिपोर्ट डीएम को सौंपी जाएगी। मनोज कुमार सिंह, परियोजना निदेशक।