विकारों को दूर करते हैं भगवान श्रीकृष्ण
मानव जीवन विडंबनाओं से घिरा है। सुख की लालसा में अनेक कर्म करता है परन्तु सदैव दुखी ही रहता है। इसके मूल में हमारे मन की कलुषित भावना ही है। अज्ञानता की वजह से लोग सदैव परेशान ही रहते हैं। बताया कि भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति से सभी विकार व रोग व्याधियां दूर हो जातीं हैं। बुधवार को शेरपुर गांव में कथा के दौरान यह महात्म पं. प्रमोद शास्त्री महाराज ने बताया। श्रद्धालुओं को बताया कि श्री कृष्ण ने जन्मते ही पूतना रूपी अग्यान का वध किया।
जासं, सीतामढ़ी (भदोही) : मानव जीवन विडंबनाओं से घिरा है। सुख की लालसा में अनेक कर्म करता है परन्तु सदैव दुखी ही रहता है। अज्ञानता की वजह से लोग सदैव परेशान ही रहते हैं। बताया कि भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति से सभी विकार व रोग व्याधियां दूर हो जाती हैं। बुधवार को शेरपुर गांव में कथा के दौरान यह महात्म पं. प्रमोद शास्त्री महाराज ने बताया। श्रद्धालुओं को बताया कि श्री कृष्ण ने जन्मते ही पूतना रूपी अग्यान का वध किया। प्रबुद्ध श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए बताया कि तृणावर्त हमारे जीवन में प्रदर्शन करने की प्रवृत्ति है। इसे संयम से दूर किया जा सकता है। माखन चोरी में गोपियों का विशुद्ध प्रेम दिखाई पड़ रहा है। जब हमारा मन माखन की तरह कोमल एवं उदार होगा तब भगवान की कृपा बरसेगी। ऐसी अनेक सारगर्भित विवेचना करते हुए आपने दामोदर लीला, वत्सासुर, अघासुर का उद्धार कालिय दमन लीला का अद्भुत वर्णन किया। कथा के पूर्व आयोजनक रुद्रप्रसाद दूबे ने ग्रंथ पूजन एवं भगवान की आरती की।