भदोही स्टेशन के पार्सल घर में लग गया ताला
जैसी की आशंका जताई जा रही थी ठीक वैसा ही हो रहा है। रेल विभाग आरक्षण व जनरल टिकट वितरण केंद्रों के साथ पार्सल घर में ताला लगाने की योजना पहले ही बना चुका है। पार्सल घर में ताला लगाकर इसकी शुरुआत कर दी गई। इस क्रम में विभाग ने विभिन्न मंडलों के 33 रेलवे स्टेशनों के पार्सल घर में ताला लगाने का फरमान जारी कर दिया है। इसमें लखनऊ मंडल के दो स्टेशन भदोही व प्रयागराज भी शामिल हैं। उच्चाधिकारियों का आदेश मिलते ही स्थानीय स्टेशन के पार्सल घर को बंद कर दिया गया। इसके चलते उक्त विभाग में कार्यरत कर्मचारियों की चिता बढ़ गई है साथ ही माल बुक कराने व डिलीवरी के लिए अब लोगों को वाराणसी जाना पड़ेगा। जो कि गंभीर समस्या का कारण साबित होगा।
जासं, भदोही: जैसी की आशंका जताई जा रही थी ठीक वैसा ही हो रहा है। रेल विभाग आरक्षण व जनरल टिकट वितरण केंद्रों के साथ पार्सल घर में ताला लगाने की योजना पहले ही बना चुका है। पार्सल घर में ताला लगाकर इसकी शुरुआत कर दी गई। इस क्रम में विभाग ने विभिन्न मंडलों के 33 रेलवे स्टेशनों के पार्सल घर में ताला लगाने का फरमान जारी कर दिया है। इसमें लखनऊ मंडल के दो स्टेशन भदोही व प्रयागराज भी शामिल हैं। उच्चाधिकारियों का आदेश मिलते ही स्थानीय स्टेशन के पार्सल घर को बंद कर दिया गया। इसके चलते विभाग में कार्यरत कर्मचारियों की चिता बढ़ गई है साथ ही माल बुक कराने व डिलीवरी के लिए अब लोगों को वाराणसी जाना पड़ेगा। जो कि गंभीर समस्या का कारण साबित होगा।
कर्मचारियों के अभाव से जूझ रहे रेल विभाग में नई नियुक्ति न होने के कारण आरक्षण, जनरल टिकट वितरण केंद्र, पार्सल घर का संचालन जैसे तैसे हो रहा है।बानगी के तौर पर स्थानीय पार्सल घर में विगत दो वर्ष से कोई बाबू नहीं था बल्कि दो पोर्टरों के सहारे चलाया जा रहा था। 6 माह पहले तक एक बुकिग क्लर्क को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उसका तबादला होने के बाद पोर्टर ही पार्सल का काम संभालते थे। इस बीच गत 19 अक्टूबर को रेलवे ने विभिन्न मंडलों के 33 पार्सल केंद्रों को बंद करने का फरमान जारी कर दिया। इस आशय का आदेश मिलते ही स्टेशन अधीक्षक आलोक कुमार ने पार्सल केंद्र पर ताला लगवा दिया। बताते चलें कि एक दशक पहले तक भदोही स्थित पार्सल केंद्र के माध्यम से बड़ी संख्या में माल बुक किए जाते थे। विभिन्न स्थानों से फल इत्यादि भदोही आता था तो यहां से बड़ी मात्रा में कालीनों के गट्ठर बुक किए जाते थे। समय के साथ एक तरफ जहां रेलवे पार्सल सेवा को लेकर उदासीन हो गया तो वहीं सड़क मार्ग से माल ढुलाई का कार्य पहले की अपेक्षा बेहतर व सुविधाजनक होता गया। यही कारण है कि स्थानीय पार्सल घर से माल की बहुत बुकिग सीमित हो गई। पार्सल के माध्यम से विभाग को होने वाली अर्निंग भी ठप हो गई। यही कारण है कि विभागीय अधिकारियों ने उक्त निर्णय लेते हुए पार्सल केंद्र पर ताला लगवा दिया।
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- छह दशक पहले स्थापित हुआ था पार्सल घर
भदोही स्टेशन पर 6 दशक पहले पार्सल घर की स्थापना हुई थी। हालांकि इस संबंध में स्थानीय अधिकारी भी अनभिज्ञ हैं लेकिन पुराने जानकारों के अनुसार 1960-70 के दशक में उक्त सेवा शुरू हुई थी। वर्ष 1970 से 2000 तक मुंबई के लिए कालीन यहीं से बुक कराए जाते थे। इसके कारण पार्सल के माध्यम से विभाग की अच्छी खासी कमाई होती थी। इसके बाद एक तरफ जहां कालीन उद्योग ढलान की ओर बढ़ गया तो दूसरी ओर सड़क मार्ग से माल भेजने में लोग अधिक रूचि लेने लगे। उधर विभाग भी पार्सल सेवा को लेकर उदासीन हो गया।
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दो दिन पहले मिला आदेश : एसएस
स्टेशन अधीक्षक आलोक कुमार ने बताया कि विभाग से ही पार्सल घर बंद करने का निर्देश 19 अक्टूबर को ही लिया था लेकिन आदेश दो दिन पहले मिला है। कहा कि पार्सल घर में ताला लगवा दिया गया। बताया कि पार्सल घर में दो पोर्टर कार्यरत थे। जिनके बारे में जल्द विभाग कोई निर्णय लेगा। बताया कि उन्हें विभाग के किसी कार्यालय से अटैच किया जा सकता है।