कोरे कागज पर जीवंत मनोभूति ने किया आनंदित
विज्ञान ने आदमी की जिदगी को बहुत ही तेज कर दिया है। इंटरनेट व कंप्यूटर ने दूर बैठे अपनों को पल भर में सामने ला दिया है लेकिन ऐसे में अपनेपन का जो सुख मन की भावना और अनुभूतियों व संवेदनाओं को अपने हाथों से कोरे कागज पर उतार कर देने का है उससे काफी दूर भी कर दिया है। इस अनुभव का एहसास कराया गुरुवार को काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के चित्रकला विभाग के छात्र-छात्राओं ने हस्तनिर्मित ग्रीटिग कार्ड में उकेरी गई कलाकृतियों ने।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : विज्ञान ने आदमी की जिदगी को बहुत ही तेज कर दिया है। इंटरनेट व कंप्यूटर ने दूर बैठे अपनों को पल भर में सामने ला दिया है लेकिन ऐसे में अपनेपन का जो सुख मन की भावना और अनुभूतियों व संवेदनाओं को अपने हाथों से कोरे कागज पर उतार कर देने का है उससे काफी दूर भी कर दिया है। इस अनुभव का सुखद एहसास कराया गुरुवार को काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के चित्रकला विभाग के छात्र-छात्राओं ने हस्तनिर्मित ग्रीटिग कार्ड में उकेरी गई कलाकृतियों ने। विद्यार्थियों ने कार्डों की प्रदर्शनी लगाई। जहां पहुंचे छात्र-छात्राओं सहित प्राध्यापकों व अन्य ने न सिर्फ अवलोकन किया बल्कि खरीदारी कर उनका उत्साह भी बढ़ाया।
प्रभारी प्राचार्य डॉ. घनश्याम मिश्र ने प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। कहा कि मनोभाव को कागज के टुकड़ों पर उकेरकर देने में जो सुखद अनुभूति होती है वह इंटरनेट व अन्य माध्यम से नहीं मिलती। डॉ. किशोरीलाल ने कलाकारों का मनोबल बढ़ाया। कहा कि प्रदर्शनी में लगी मन की कलाकृतियों ने मन को आनंदित कर दिया है। डॉ. संजय कुमार चौबे ने कलाकृतियों को प्रेरणादायी बताया। प्रदर्शनी में शिवांगी के मनोरम ²्श्य चित्र, श्रेया मालवीय के अमूर्त रंगों का प्रभाव, बृजेश के नूतन फ्लावर्स, खुशबू के मानव संयोजन पर बना कलाकृतियां विशेष आकर्षण का केंद्र रहीं। इस मौके पर डॉ. हेमंत निराला, डॉ. जितेंद्र सिंह नौलखा, डॉ. मनोज, डॉ. एके आर्य, डॉ. मनीषा सहित अन्य प्राध्यापक थे। चित्रकला विभाग प्रभारी डॉ. रोशन प्रसाद ने अतिथियों का आभार जताया।