चार वर्ष में महज 91 पुरुषों ने कराई नसबंदी
पुरुष नसबंदी को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य
चार वर्ष में महज 91 पुरुषों ने कराई नसबंदी
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : पुरुष नसबंदी को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से तमाम सुविधाएं व आर्थिक सहूलियत देने की योजना है। इसके बाद भी लोग उदासीन बने हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो पिछले चार वर्ष में महज 91 पुरुषों ने नसबंदी कराई है। जागरूकता के अभाव में नसबंदी कराने वाले पुरुषों की संख्या लगातार घट रही है, जो जनसंख्या नियंत्रण के लिए खतरा है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों को प्रेरित करने के लिए योजनाएं चलाई गई है। ऐसे में महिलाओं के साथ-साथ पुरूष नसबंदी पर जोर दिया जा रहा है। लोगों को जागरूक करने के लिए प्रचार-पसार पर लाखों रुपये खर्च भी किए जा रहे हैं। बावजूद इसके पुरूष नसबंदी को लेकर गंभीर नहीं हैं। परिवार नियोजन अभियान के जिला प्रशिक्षक डा. तुलसी देवी ने बताया कि पुरुष नसबंदी बहुत ही आसान आपरेशन प्रक्रिया है। यह 99.50 फीसद सफल है।
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पुरुषों को मिलेगा लाभ
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार किसी भी वजह से पुरुष नसबंदी विफल होने पर सरकार की ओर से 60 हजार रुपये हर्जाना देने की व्यवस्था है। इसके अलावा सात दिन के भीतर लाभार्थी की मृत्यु होने पर आश्रितों को चार लाख की आर्थिक मदद देने का प्रविधान है। आठ से 30 दिन के भीतर मौत होने पर एक लाख रुपये दिया जाएगा। नसबंदी के 60 दिन के भीतर किसी भी तरह की दिक्कत होने पर 50 हजार रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी।