शहर से हाइवे तक जाम से लगी रही वाहनों की कतार
रेलखंड पर ट्रेनों की भरमार के बीच अधिक देर तक गेट बंद रहना जाम की समस्या का कारण साबित हो रहा है। सोमवार को जाम में एक एंबुलेंस के फंसने से लोगों की सांस फूलने लगी थी। इसे सौभाग्य ही कहा जाएगा कि एंबुलेंस में रोगी नहीं था। सवाल यह है कि अगर एंबुलेंस में रोगी भी होता तब भी गेट खुलने वाला नहीं था। इस प्रकार का नजारा रेलवे फाटकों पर हर रोज देखने को मिलता है। भविष्य में इसी प्रकार की हालत रही तो किसी दिन उपचार के अभाव में किसी रोगी की जान भी जा सकती है।
जासं, भदोही : रेलखंड पर ट्रेनों की भरमार के बीच ज्यादा देर तक गेट बंद रहना जाम की समस्या का बड़ा कारण सिद्ध हो रहा है। सोमवार को जाम में एक एंबुलेंस के फंसने से लोग परेशान हो गये, हालांकि उसमें कोई रोगी नहीं था। गजिया रेलवे फाटक हर आधे घंटे पर 15 से 20 मिनट तक बंद रहता है। सोमवार को दिन में कई बार जाम लगा। दोपहर में स्कूलों की छुट्टी के समय जाम लगने से स्कूल फंसे रहे। उधर लंबे समय से जाम की मुसीबत झेल रहे जौनपुर-मीरजापुर बाइपास मार्ग भी समस्या से मुक्त नहीं हुआ। हाईवे निर्माण कार्य शुरू होने व सड़क चौड़ीकरण का कार्य प्रगति पर होने से वाहन चालकों को राहत मिली है लेकिन धौरहरा का जर्जर व संकरा पुल यातायात में अवरोधक साबित हो रहा है। पुल से एक बार में महज एक ही वाहन पास होने की गुंजाइश के चलते दूसरे तरफ से आने वाले वाहनों को रोकना पड़ता है। इसके कारण हमेशा जाम की समस्या बनी रहती है। रविवार को पांच घंटे जाम से लोग जूझते रहे जबकि सोमवार को भी राहत नहीं मिली। सुबह 10 से 12 बजे तक जाम लगा रहा तो शाम चार बजे के बाद दो घंटे से लोग जाम से जूझते रहे।