..तो महंगी पड़ेगी इंटरनेट मीडिया पर भ्रामक टिप्पणी
इंटरनेट मीडिया ने सूचनाओं के आदान-प्रदान को काफी आसान कर दिया है। मौजूदा समय में चल रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इसे प्रचार -प्रसार का सशक्त माध्यम भी माना जा रहा है।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : इंटरनेट मीडिया ने सूचनाओं के आदान-प्रदान को काफी आसान कर दिया है। मौजूदा समय में चल रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इसे प्रचार -प्रसार का सशक्त माध्यम भी माना जा रहा है। प्रत्यासी व समर्थक फेसबुक, वाट्सएप, ट्वीटर आदि के जरिेए एक दूसरे को संदेश पहंचाने व अपने पक्ष में मतदान के लिए मान मनुहार करने में जुटे हैं। इस बीच तमाम लोग प्रतिद्वंदियों को लेकर अशोभनीय टिप्पणी भी कर रहे हैं। ऐसे लोग यदि अपने ऊपर अंकुश नहीं लगाया तो टिप्पणी उन्हें भारी पड़ सकती है। कारण है कि निर्वाचन आयोग की और से इंटरनेट मीडिया पर कड़ी नजर रखी जा रही है। साथ ही जिले में भी नजर रखने के लिए सेल का गठन कर दिया गया है।
राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रक्रिया के दौरान एसएमएस से लेकर इंटरनेट मीडिया पर चाहे वह फेसबुक हो या फिर वाट्सएप व अन्य किसी ऐप के जरिए ऐसी फोटो, वीडियो, आडियो क्लिप अथवा टेस्ट मैसेज पर विशेष निगरानी रखने का निर्देश दिया है। इसे देखते हुए जिलाधिकारी-जिला निर्वाचन अधिकारी आर्यका अखौरी ने गलत, भ्रामक व अशोभनीय पोस्ट पर नजर रखने के लिए मीडिया सेल का गठन कर दिया है। साथ ही भ्रामक सूचनाएं फैलाने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।