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करानी थी पढ़ाई, मगर मतदाता सूची व सर्वे में जुटे गुरुजी

शिक्षा की नींव समझे जाने वाले प्राथमिक शिक्षा को चुस्त-दुरुस्त करने व बच्चों को शिक्षा देने के लिए तैनात शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाए जाने से शैक्षणिक गुणवत्ता पर सवाल खड़ा हो चुका है। नाम तो उनका पढ़ाने का है लेकिन आए दिन मतदाता सूची पुनरीक्षण पल्स पोलियो अभियान से लेकर अन्य गैर शैक्षणिक कार्यों में लगे नगर आते हैं। अब हाईकोर्ट ने गैर शैक्षणिक कार्य न कराने को लेकर दिये गए निर्देश से शिक्षकों को राहत मिलेगी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 07:18 PM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 07:18 PM (IST)
करानी थी पढ़ाई, मगर मतदाता सूची व सर्वे में जुटे गुरुजी

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : शिक्षा की नींव समझे जाने वाले प्राथमिक शिक्षा को चुस्त-दुरुस्त करने व बच्चों को शिक्षा देने के लिए तैनात शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाए जाने से शैक्षणिक गुणवत्ता पर सवाल खड़ा हो चुका है। नाम तो उनका पढ़ाने का है लेकिन मतदाता सूची पुनरीक्षण, पल्स पोलियो अभियान से लेकर अन्य गैर शैक्षणिक कार्यों में लगे नजर आ रहे हैं। अब हाईकोर्ट ने गैर शैक्षणिक कार्य न कराने को लेकर दिये गए निर्देश से शिक्षकों को राहत मिलेगी।

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एक ओर प्राथमिक शिक्षा को बेहतर करने के लिए तमाम योजनाएं संचालित की जा रही है। शिक्षकों को आए दिन शिक्षण कार्य की गुणवत्ता बढ़ाने को लेकर निर्देश भी जारी हो रहे हैं। इसके बाद भी अब गौर करें तो जिले में परिषदीय स्कूलों में तैनात 42 सौ शिक्षकों में से तमाम शिक्षक हमेशा गैर शैक्षणिक कार्य में ही लगे रहते हैं। मौजूदा समय में ही देखा जाय तो मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर चल रहे अभियान में जिले में 1000 शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशकों को बतौर बीएलओ तैनात किया गया है। जो पढ़ाने के बजाय मतदाताओं का सूची में नाम बढ़ाने, घटाने का फार्म भरवाने में व्यस्त रहते हैं। इसके साथ ही पिछले दिनों संचालित चाहे वह पल्स पोलियो अभियान हो रहा हो या फिर ग्राम पंचायतों में होने वाले किसी भी तरह का सर्वे व अन्य गैर शैक्षणिक कार्य सबसे पहले शिक्षकों को ही लगा दिया जाता है। अब हाईकोर्ट के निर्देश के बाद शिक्षकों में यह उम्मीद जग चुकी है कि अब उन्हें गैर शैक्षणिक कार्य नहीं करने होंगे और वह बेहतर ढंग से पढ़ाई करा सकते हैं। लेकिन ज्ञानपुर ब्लाक क्षेत्र के पूर्व माध्यमिक विद्यालय भिड़िउरा पाली में मात्र एक शिक्षक की तैनाती है। हालांकि आरटीई के नियमानुसार छात्र संख्या के आधार पर तय मानक पर एक शिक्षक तैनाती पूरी तरह खरा उतरता है लेकिन तीन कक्षाओं के बच्चों को एर साथ पढ़ाना शिक्षक के समझ से परे है लेकिन तीन अलग - अलग कक्षाओं के बच्चों को पढ़ा पानी उनके लिए समझ से परे बना हुआ है। प्रधानाध्यापक रमेशचंद यादव ने बताया कि कुछ समय मध्याहन भोजन बनवाने तो कुछ उपस्थिति पंजिका सहित अन्य कार्यों में चला जाता है। ऐसे में बच्चों को कैसे पढ़ाएं समझ में नहीं आ रहा है। किसी कक्षाएं संचालित कराई जा रही हैं। इसी तरह प्राथमिक विद्यालय भिड़िउरा नें 100 बच्चों पर मात्र दो शिक्षकों की तैनाती है। इससे शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है।

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वर्जन

हाईकोर्ट ने शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में लगाने के निर्देश से शिक्षकों को राहत मिलेगा। जिला प्रशासन को भी चाहिए की आदेश के अनुपालन में शिक्षकों से गैर शैक्षणिक में शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशकों को न लगाया जाय।

- सुधीर सिंह, जिलाध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ अध्यक्ष


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