होम आइसोलेशन में गाइडलाइन की अनदेखी
कोरोना जांच में पाजिटिव आने पर आइसोलेट किए जाने के लिए दो तरह की व्यवस्था है। रोगी की तबीयत खराब होने पर एल-1 अस्पताल में भर्ती करने व स्वस्थ संक्रमित को होम आइसोलेट किया जाता है।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : कोरोना जांच में पाजिटिव आने पर आइसोलेट किए जाने के लिए दो तरह की व्यवस्था है। रोगी की तबीयत खराब होने पर एल-1 अस्पताल में भर्ती करने व स्वस्थ संक्रमित को होम आइसोलेट किया जाता है। पाजिटिव रोगी की सेहत ठीक है केवल रिपोर्ट संक्रमित होने की आई है तो ऐसे लोगों को होम आइसोलेशन की सहूलियत दी जाती है। सुविधा प्रभावी होने के बाद से मिलने वाले संक्रमित रोगियों में से 90 फीसद को यह सहूलियत भी मिल चुकी है। होम आइसोलेट किए जाने वाले रोगियों के घर पर व्यवस्था व संसाधन के लिए विभाग की ओर से गाइडलाइन निर्धारित है। मानक घर पर मानक पूरा करने की व्यवस्था होने के बाद ही पाजिटिव रोगी को होम आइसोलेट किए जाने का नियम है। लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है। इसके लिए महज कागजी कोरम पूरा किए जाने से संक्रमण के फैलाव को बढ़ावा मिल रहा है। जिम्मेदार कई बार शिकायतें भी उठीं लेकिन विभागीय जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से गंभीरता नहीं दिख रही है।
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1450 रोगी हो चुके होम आइसोलेट
- जुलाई के दूसरे पखवारे से लागू हुई होम आइसोलेशन सुविधा की 1450 पाजिटिव रोगियों को मिल चुकी है। जिसमें से शत प्रतिशत स्वस्थ होकर घर वापसी भी कर चुके हैं। होम आइसोलेट किए गए रोगियों के घर पर रहन-सहन की सुविधा सुरक्षित होना जरूरी है। कमरे में रोगी के अलावा परिवार या अन्य सगे संबंधियों का आना-जाना नहीं होना चाहिये। रोगी को परिवार के सदस्यों के बीच रहना प्रतिबंधित है। अलग बाथरुम व शौचालय भी होना जरूरी है।
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घर पर यह उपकरण जरूरी
- होम आइसोलेट किए जाने वाले रोगी के घर पर स्वास्थ्य संबंधी सामान्य परीक्षण के उपकरण होना जरूरी है। मानक के अनुसार रोगी के पास पल्स आक्सीमीटर व थर्मामीटर होना जरूरी है। लेकिन अधिकांश होम आइसोलेट संक्रमित रोगी की रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य टीम खोज-खबर की सुधि लेने की जरूरत ही नहीं समझती।
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- होम आइसोलेट के लिए संक्रमित रोगी का स्वास्थ्य अच्छा होना जरूरी है। किसी भी प्रकार की गंभीर बीमारी से ग्रसित नहीं होना चाहिए। आइसोलेट करने के पहले रोगी के घर की जांच की जाती है मानक पूरा करने वाले रोगियों को ही होम आइसोलेट की सहूलियत दी जाती है।
- डा. अजीत पाठक, जिला संक्रामक एवं महामारी अधिकारी भदोही।