68 लाख की प्रोजेक्ट में उग आई झांडियां, व्यवस्था बदहाल
जासं भदोही स्वच्छ भारत मिशन के तहत गीला व सूखा कूड़ा अलग कर उपयोगी बनाने के लिए 68 लाख
जासं, भदोही : स्वच्छ भारत मिशन के तहत गीला व सूखा कूड़ा अलग कर उपयोगी बनाने के लिए 68 लाख पानी में बह गए। आलम यह है कि भदोही और नईबाजार में मैटेरियल रिकवरी फैसेलिटी (एमआरएफ) सेंटर उदासीन अफसरों को मुंह चिढ़ा रहा है। परिसर में कहीं पर घास तो कहीं बड़ी-बड़ी झांड़ियां उग आई हैं। आठ माह बाद भी इसे संचालित करने को लेकर योजना नहीं बनाई गई। इसे लेकर दोनों नगरीय क्षेत्र के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। नगरीय क्षेत्रों को साफ- सुथरा रखने के उद्देश्य से शासन ने दो साल पहले यह योजना बनाई थी। इस बीच लाकडाउन के कारण धन उपलब्धता में विलंब हुआ। जुलाई 2020 में शासन से धन मिलने के बाद कूड़ों को उपयोगी बनाने की मंशा के तहत भदोही के मामदेवपुर व नईबाजार के शिवाजीनगर में एमआरएफ सेंटर का निर्माण शुरू कराया गया। दिसंबर-2020 में इसे पूरा कराने का लक्ष्य था लेकिन विभिन्न कारणों से देरी होती गई। फरवरी 2021 में दोनों सेंटर बनकर तैयार हो गए थे। होली के बाद लोकार्पण कर इसे उपयोगी बनाने की योजना थी लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने मंशा पर पानी फेर दिया। अब कहा जा रहा है कि इसका संचालन कार्यदाई संस्था करेगी जिसे शासन द्वारा जल्द ही अधिकृत किया जाएगा।
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क्या है सरकार की योजना घरों से निकलने वाले कूड़े को एमआरएफ सेंटर तक पहुंचाया जाएगा। कर्मचारी गीले और सूखे कूड़े को अलग करेंगें। गीले कूड़े का खाद बनाने में उपयोग किया जाएगा जबकि सूखे कूडे, लोहा आदि बाजार में बेच दिए जाएंगे। इससे मिलने वाले धन का उपयोग नगर के विकास में किया जाएगा।
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शासन की अधिकृत संस्था के कर्मचारी पालिका के माध्यम से घर-घर जाकर कूड़े जमा करेंगे। उन्हें एमआरएफ सेंटर लेकर अलग अलग किया जाएगा। उसमें उपयोग वाले कूड़ों को जमा कर उनकी बिक्री की जाएगी। इसका भवन बनकर तैयार है। संस्था के अधिकृत होते ही संचालन शुरू किया जाएगा। जी लाल, ईओ नगर पालिका परिषद भदोही