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चक्कर काट रहे किसान, नहीं मिला मुआवजा

प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुनी करने पर लगी है। किसानों को सुविधाएं व सम्मान मिले शासन की ओर से किसान सम्मान निधि योजना की भी शुरूआत की है। इसके बाद भी अतिवृष्टि से बर्बाद हुई धान फसल के प्रभावित परिवारों को आज तक मुआवजा (राहत राशि) नहीं मिल सकी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Mar 2020 06:27 PM (IST)Updated: Thu, 12 Mar 2020 06:27 PM (IST)
चक्कर काट रहे किसान, नहीं मिला मुआवजा
चक्कर काट रहे किसान, नहीं मिला मुआवजा

जागरण संवाददाता, ऊंज (भदोही) : प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुनी करने पर लगी है। किसानों को सुविधाएं व सम्मान मिले शासन की ओर से किसान सम्मान निधि योजना की भी शुरूआत की है। इसके बाद भी अतिवृष्टि से बर्बाद हुई धान फसल के प्रभावित परिवारों को आज तक मुआवजा (राहत राशि) नहीं मिल सकी है। किसान आज भी चक्कर काट रहे हैं। जबकि जलजमाव के चलते जहां धान फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई तो पानी की अधिकता से गेहूं की बोआई तक नहीं हो सकी है। इससे किसानों को आर्थिक सहायता भी न मिलने से जीविकोपार्जन का संकट खड़ा हो चुका है।

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डीघ ब्लाक क्षेत्र के ऊंज, कुरमैचा, नवधन, बरईपुर, बिछियां, बनकट कलीपुर आदि गांवों में अतिवृष्टि के चलते भारी जलजमाव से धान की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई थी। करीब पांच सौ बीघे क्षेत्रफल में फैले ताल में किसानों को एक दाना अन्न भी नसीब नहीं हो सका था। हालांकि किसानों को मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया गया था लेकिन आज तक किसान राहत राशि की राह ही तक रहे हैं। बसपा ज्ञानपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रभारी राजेश मिश्र राजन सहित किसानों जिलाधिकारी से प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता दिलाने की मांग की है। आगे समस्या का समाधान हो सके पानी निकासी के लिए नाले की खोदाई कराने की आवाज भी उठाई गई है। केस-1

ऊंज ताल में स्थित रामजीत सिंह व ओमप्रकाश यादव की मिलाकर करीब पांच बीघा फसल पानी में डूबकर बर्बाद हो गई। धान की कटाई तक नहीं हो सकी। अभी तक पानी न सूखने से गेहूं की बोआई भी नहीं हो पाई है। दोनों फसल हाथ से निकल गई। कैसे सालभर के भोजन की व्यवस्था होगी। इस चिता में वह पड़े हैं, लेकिन आज तक उन्हें आर्थिक सहायता नहीं मिल सकी है। यह स्थिति मात्र इन दो किसानों की नहीं है। करीब आधा दर्जन गांव के सैकड़ों किसानों की है। जिनकी पांच हजार बीघा क्षेत्रफल के ताल में फसल बर्बाद हो चुकी है। केस-2

कर्ज के बोझ से दबे और आत्महत्या कर रहे किसानों को राहत देने के लिए किसान सम्मान निधि योजना के तहत केंद्रीय बजट में किसानों को छह हजार वार्षिक देने की व्यवस्था की गई है। कृषि गणना के अनुसार जिले में पंजीकृत 1.87 लाख किसानों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है। 1.96 लाख किसानों का पंजीयन किया गया है। लक्ष्य के सापेक्ष 1.56 लाख किसानों के खाते में धनराशि पहुंच सकी है। लक्ष्य के सापेक्ष 31 हजार किसान आज भी इंतजार में हैं कि कब होगा उनका खाता गुलजार। बजट का हो रहा इंतजार

किसी भी प्राकृतिक व दैवीय आपदा से बर्बाद होने वाली फसल की स्थिति में किसानों को नुकसान न सहना पड़े, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना संचालित है। योजना के तहत आठ हजार किसानों ने बीमा कराया है। खरीफ सीजन में अतिवृष्टि से बर्बाद धान व अन्य फसल के बाद वह आज तक बीमित राशि के मिलने का इंतजार कर रहे हैं। आज तक एक भी किसान को बीमा योजना का लाभ नहीं मिल सका है। हालांकि उपकृषि निदेशक का दावा है कि क्रॉप कटिग कराकर भेजा जा चुका है। शासन स्तर से क्षति का औसत पैदावार निकालकर जो भी क्षति सामने आएगा उसके अनुरूप लाभान्वित किया जाएगा। फिलहाल अभी तक कोई किसान लाभ नहीं पा सका है। नहीं मिला मुआवजा

बाढ़ की त्रासदी से उजड़े किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिल पाया है। गंगा जल स्तर में अचानक हुई वृद्धि से डीघ ब्लाक के छेछुआ सहित एक दर्जन तटवर्ती गांवों के किसानों के खेत में खड़ी फसल डूब गई थी। कड़ी मेहनत से तैयार किए फसल को बर्बाद होते किसान देखते रह गए। उनके आंख से खून के आंसू निकल रहे थे। एसडीएम ज्ञानपुर की ओर से 13 और औराई ने दो गांवों के प्रभावित किसानों की रिपोर्ट भेजी थी, लेकिन अभी तक मुआवजा नहीं मिल पाया है।


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