निर्यातकों को मिलनी चाहिए रियायत
कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) द्वारा आगामी माह 21 से 24 अक्टूबर के बीच प्रस्तावित इंडिया कारपेट एक्सपो-1
जागरण संवाददाता, भदोही: कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) द्वारा आगामी माह 21 से 24 अक्टूबर के बीच प्रस्तावित इंडिया कारपेट एक्सपो-18 इस बार वाराणसी के बड़ालालपुर स्थित नवनिर्मित दीनदयाल हस्तकला संकुल में आयोजित किया जाएगा। शासन प्रशासन तथा परिषद के बीच कई दिनों से चल रही वार्ता के बाद इस पर अंतिम मुहर लग गई है। इसी के साथ स्थान को लेकर कई दिनों से चल रही उहापोह पर जहां विराम लग गया है वहीं उद्यमियों को सस्ते दर पर स्टाल मिलने की संभावना भी जगी है।
सरकार द्वारा बड़ालालपुर में निर्मित ट्रेड फेसिलिटेशन सेंटर (टीएफसी) में मेले के आयोजन को लेकर शासन विगत वर्ष ही गंभीर था हालांकि उस बार मेले का आयोजन वहां नहीं हो सका। इस बार भी सीईपीसी मेले का आयोजन सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित कराना चाहती थी लेकिन वस्त्र मंत्रालय इसके लिए राजी नहीं हुआ। कई दिनों तक शासन व परिषद के बीच चली बैठकों के बाद अंतत: टीएफसी में ही आयोजन पर अंतिम मुहर लगी। इसे लेकर उद्यमियों की अपनी अपनी राय है।
अखिल भारतीय कालीन निर्माता संघ (एकमा) के मानद सचिव आलोक बरनवाल का कहना है कि आयोजन परिषद को तथा उद्यमियों को भागीदारी करना है। मेला कहां लगता है इससे अधिक फर्क नहीं पड़ता। कहा कि सरकार द्वारा स्थापित मार्ट में मेले का आयोजन होने से व्यवसाय पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। कहा कि आयातकों की बेहतर आमद सुनिश्चित हो यही सबकी कामना है ताकि व्यवसाय सृजन का का मार्ग प्रशस्त हो।
एकमा के पूर्व मानद सचिव पीयूष बरनवाल का कहना है कि परिषद के स्टाल दर में कमी करनी चाहिए। सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में मेले के आयोजन के दौरान परिषद को मोटी रकम खर्च करना पड़ता था लेकिन मार्ट में मेले का आयोजन से किराया, टेंट सहित अन्य खर्चों की बचत होगी। ऐसे में भागीदारी करने वाले उद्यमियों को राहत प्रदान करना चाहिए। बताया कि इस
संबंध में उन्होंने परिषद के सामने मांग रखी है।