लगे पोल व तार, अब है कनेक्शन जुड़ने का इंतजार
सौभाग्य विद्युतीकरण योजना के तहत गांव व मजरों में कराए जा रहे विद्युतीकरण के काम में चल रही विभागीय उदासीनता दिखाई पड़ने लगी है। विद्युतीकरण के नाम पर पोल व तार लगाए जा रहे हैं लेकिन पोल व डिब्बे लग जाने के बाद अब लोगों को कनेक्शन जुड़ने का इंतजार है लेकिन न तो ट्रांसफार्मर लग पा रहे हैं न ही उनसे कनेक्शन जोड़कर उपभोक्ताओं की लाइन चालू की जा रही है।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : सौभाग्य विद्युतीकरण योजना के तहत गांव व मजरों में कराए जा रहे विद्युतीकरण के काम में चल रही विभागीय उदासीनता दिखाई पड़ने लगी है। विद्युतीकरण के नाम पर पोल व तार लगाए जा रहे हैं लेकिन पोल व डिब्बे लग जाने के बाद अब लोगों को कनेक्शन जुड़ने का इंतजार है लेकिन न तो ट्रांसफार्मर लग पा रहे हैं न ही उनसे कनेक्शन जोड़कर उपभोक्ताओं की लाइन चालू की जा रही है।
केंद्र सरकार की अति महत्वपूर्ण योजनाओं में शुमार सौभाग्य विद्युतीकरण योजना जनपद के 3612 मजरों में विद्युतीकरण कराये जाने का लक्ष्य रखा गया था। जनपद के सभी तहसील, ब्लाक क्षेत्र अंतर्गत संचालित विद्युत उपकेंद्रों से आच्छादित होने वाले गांवों को चिन्हित कर सौभाग्य योजना के तहत घर-घर बिजली पहुंचाने का जिम्मा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम ने ठेकेदारों के जरिए पूर्ण कराने की योजना बनाई गई थी। प्रथम चरण में ठेकेदारों ने पंजीकृत लोगों तक विद्युत पहुंचाकर मीटर लगाने तथा कंडक्टर वायर दौड़ाना शुरु कर दिया गया। हद तो यह हो गई कि लोड के हिसाब से निगम ने मोटे कंडक्टर वायर लगाने और उसी के अनुरुप 25 से 65 केवीए तक के ट्रांसफार्मर की व्यवस्था की गई है बावजूद इसके ठेकेदारों की ओर से कम समय में अधिक मुनाफा के शुरू किए गए खेल में पतले कंडक्टर वायर ही दौड़ा दिए जा रहे हैं जो लोड संभाल पाने में अक्षम ही साबित होंगे। हालांकि जो भी हो लेकिन किसी तरह पोल व तार खड़े किए गए तो लेटलतीफी व उदासीनता का हाल यह है कि अधिकतर गांव व मजरों में लगे पोल व तार में अभी तक कनेक्शन ही नहीं दिख रहा है। अब लोगों को इसका इंतजार है कि कब बिजली आएगी और लोगों को बल्ब जलने का सौभाग्य प्राप्त होगा।