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डूबा ऊंज-कुरमैचा ताल, डूबी अन्नदाताओं की उम्मीद

पिछले वर्ष अतिवृष्टि के चलते पहले धान की फसल बर्बाद हो गई थी। लोग फसल की कटाई नहीं कर सके। पूरी फसल सड़कर बर्बाद हो गई थी तो गेहूं की बोआई तक किसान नहीं कर सके थे। डीघ ब्लाक क्षेत्र के ऊंज-कुरमैचा ताल में इस भार भी भारी जल जमाव हो जाने के चलते धान की रोपाई नहीं हो पा रही है। किसानों के सामने

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 Jul 2020 05:31 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jul 2020 05:31 PM (IST)
डूबा ऊंज-कुरमैचा ताल, डूबी अन्नदाताओं की उम्मीद
डूबा ऊंज-कुरमैचा ताल, डूबी अन्नदाताओं की उम्मीद

जागरण संवाददाता, ऊंज (भदोही) : पिछले वर्ष अतिवृष्टि के चलते पहले धान की फसल बर्बाद हो गई थी। लोग फसल की कटाई नहीं कर सके। पूरी फसल सड़कर बर्बाद हो गई थी तो गेहूं की बोआई तक किसान नहीं कर सके थे। डीघ ब्लाक क्षेत्र के ऊंज-कुरमैचा ताल में इस भार भी भारी जल जमाव हो जाने के चलते धान की रोपाई नहीं हो पा रही है। किसानों के सामने संकट पूरी तरह गहराया हुआ है लेकिन किसी की नजर उनकी ओर नहीं प़ रही है।

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करीब 700 बीघा क्षेत्रफल में फैले ऊंज-कुरमैचा ताल में पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं रह गई है। ताल से पानी निकासी वाले एक मात्र कुरमैचा, नौधन, बिछियां, बनकट आदि गांवों से होते हुए निकलने वाले नाले पर जगह-जगह लोगों ने अतिक्रमण कर पाट दिया है। पिछले वर्ष हुए जलडुबान की समस्या के बाद बर्बाद हुई फसल पर जिलाधिकारी तक ने क्षेत्र का दौरा किया था। नाले का सर्वे कर मनरेगा से खोदाई का निर्देश भी दिया था लेकिन रात गई बात कि तर्ज पर सब कुछ भूल गया। नाले की खोदाई नहीं हो सकी। इस बार शुरुआती दौर में ही पूरा ताल जलमग्न है। धान की रोपाई नहीं हो पा रही है। ऐसे में किसानों कि चिता बढ़ चुकी है कि कैसे चलेगी गृहस्थी की गाड़ी। किसानों ने पानी निकासी की व्यवस्था कराने की मांग उठाई है।

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क्या बोले अन्नदाता

जल निकासी के लिए बने नाले पर अतिक्रमण कर जगह-जगह पाट लिया गया है। इससे निकासी मार्ग अवरूद्ध है। पिछले वर्ष धान की कटाई नहीं हो सकी।किसान गेहूं की बोआई नहीं कर पाए तो इस बार धान की रोपाई पर ही संकट खड़ा है। पानी निकासी की व्यवस्था होना चाहिए।

-चित्र.17--पवन तिवारी

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- पिछले वर्ष अतिवृष्टि से न तो धान की फसल मिली न ही गेहूं की बोआई हो सकी। इसके चलते किसानों के सामने परिवार के भरण पोषण की समस्या उत्पन्न हुई। इस बार भी नहीं लगता की धान की रोपाई हो सकेगी। कैसे चलेगा परिवार का खर्च कुछ समझ में नहीं आ रहा है।

-चित्र.18--श्याम नारायण बिद

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- प्रयागराज जिले के भीटी ताल से लेकर कुरमैचा ऊंज ताल में करीब 700 बीघा भूमि जलमग्न है। धान की रोपाई नहीं हो पा रही है। ऊंज, कुरमौचा, नवधन, बिछियां होते जाने वाले नाले की खोदाई करा दी जाय तो समस्या का समाधान हो जाएगा। कोई उनकी सुधि नहीं ले रहा है।

-चित्र.19--रामजीत सिंह

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- पिछले वर्ष बरसात के चलते धान और गेहूं की फसल बर्बाद हो गई थी। किसानों को मुआवजा देने की बात कही गई थी लेकिन न तो मुआवजा मिला न तो नाले की खोदाई का कार्य पूरा हुआ। जबकि जिला प्रशासन की ओर से नाले की खोदाई के लिए सर्वे भी कराया गया था।

-चित्र.20--विजय बहादुर यादव


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