पॉलीथिन से चोक हुई नालियां, मुसीबत उतराई
उच्च न्यायालय द्वारा पालीथिन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद शासन प्रशासन इसके उपयोग पर पूर्णतया रोक लगाने में नाकाम साबित हुआ। यही कारण है कि स्थापित दुकानों प्रतिष्ठानों से लेकर अस्थाई ठेले खोमचे वालों तक इसका धडल्ले के साथ उपयोग किया जा रहा है। जिसका समाज पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। पोलीथिन का उपयोग जहां प्रदूषण को बढ़ावा दे रहा है तो इसके कारण जलनिकासी नालियां व नाले जाम हो रहे हैं।
जागरण संवाददाता, भदोही : उच्च न्यायालय द्वारा पालीथिन पर प्रतिबंध के बावजूद प्रशासन प्रभावी नहीं करा पा रहा है। अभियान पॉलीथिन में फंसकर रह गया है। दुकानों, अस्थाई ठेले व खोमचे वालों तक धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है। समाज पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। अब बेहिसाब फेंकी जा रही पॉलीथिन नालियां चोक कर रही हैं। जल निकासी न होने के कारण शहर के कई मोहल्ले में जलभराव की समस्या उतराने लगी हैं। नालियां चोक होने से जल निकासी समस्या उत्पन्न हो जाती है। आए दिन चेंबर खोलकर सफाई की जाती है जिसमें बड़ी मात्रा में प्लास्टिक थैलियां निकाली जाती है।
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फैल रही बीमारियां, करिये कार्रवाई
डंप कूड़ों में पालीथिन बेसहारा पशुओं की खुराक बन रही है, गंभीर बीमारियां भी तेजी से फैल रही हैं। प्रशासन ने छोटे दुकानदारों व ठेले, खोमचे वालों पर ही सिर्फ कार्रवाई की। औपचारिकता निभाने के चक्कर में अभियान फ्लाप हो गया। धड़ल्ले से प्लास्टिक थैलों का उपयोग किया जा रहा है। गर्म खाना, चाय व काफी के सेवन कर गंभीर बीमारियों को दावत दे रहे हैं।
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एसडीएम ने अलापा कार्रवाई की राग
उपजिलाधिकारी आशीष कुमार मिश्रा ने बताया कि पिछले दिनों अभियान चलाकर कार्रवाई की गई थी। बड़ी मात्रा में पॉलीथिन भी जब्त किए गए। जांच पड़ताल के लिए टीम भी बनाई गई है, जो समय पर जांच करती है। बाजार में अगर पालीथिन का उपयोग किया जा रहा है तो चिता का विषय है। जल्द ही अभियान चलाया जाएगा।