देवी मंदिर और पंडालों में उमड़े श्रद्धालु
जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन सोमवार को मां दुर्गा के तृत
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन सोमवार को मां दुर्गा के तृतीय स्वरूप चंद्रघंटा के रूप में दर्शन- पूजन किया गया। अर्गला- स्त्रोत से गांव और नगर गुंजायमान रहा तो वहीं ग्रामीण अंचल में देवी मंदिरों व पंडालों में भक्तों की भीड़ उमड़ी रही। घंटा-घड़ियाल के गगनभेदी आवाज से पूरा क्षेत्र ही भक्तिमय हो गया है।
नवरात्र के तीसरे दिन मंगला आरती के बाद से ही जिले के विभिन्न देवी मंदिरों में देवी भक्त मां का एक झलक पाने के लिए कतारबद्ध हो गए। भोर में ही महिलाएं थाल में नारियल, चुनरी आदि पूजन सामग्री लेकर आदि शक्ति के दर्शन करने के लिए निकल पड़ीं। श्रद्धालुओं की आस्था देखते ही बन रही थी। घोपइला शीतला माता मंदिर में पट खुलते ही भक्तों की कतार लग गई। देवी के जयकारे से वातावरण ही गूंज उठा। देवी सप्तशती के अनुसार देवासुर संग्राम में देवी ने घंटे की नाद से अनेकानेक असुरों का दमन किया। ऐसा शोर और नाद हुआ कि असुर काल के ग्रास बन गए। शास्त्रों ने इन्हें सुर और संगीत दोनों की मुद्रा शांत और आत्मविभोर करने वाली मानी है। सुर और संगीत दोनों को ही वशीकरण का बीज मंत्र समझा गया है। चंद्रघंटा देवी इसी की आराध्य शक्ति हैं। मां चंद्रघंटा नाद के साथ शांति का संदेश देती है। औराई, महराजगंज, बाबूसराय आदि क्षेत्रों में भी देवी भक्ति की धूम रही।
गोपीगंज प्रतिनिधि के अनुसार : नगर स्थित प्राचीन दुर्गा मंदिर में भी भोर से ही भक्तों का तांता लगा रहा। देवी भक्त कतारबद्ध होकर मां का एक झलक पाने के लिए बेसब्री से इंतजार में लगे रहे।
बाबूसराय प्रतिनिधि के अनुसार : क्षेत्र में स्थित देवी मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी रही। सारीपुर, कटका, गिर्दबड़गांव स्थित देवी मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी रही।
ऊंज प्रतिनिधि के अनुसार : क्षेत्र के जगापुर, नवधन, दरवांसी, चंदापुर, कौइरौना, रजमला, वहिदानगर मोड़ आदि स्थानों पर स्थित पंडालों में आदिशक्ति विराजमान हो गई हैं। दर्शन पूजन का सिलसिला सुबह से शुरू होकर देर शाम तक संपन्न होता है।
सीतामढ़ी प्रतिनिधि के अनुसार : शारदीय नवरात्र के अवसर पर क्षेत्र में पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। नारेपार, कटरा, इटहरा, गजाधरपुरा में स्थित दुर्गा पंडालों में आदि शक्ति विराजमान हैं। सुबह से ही देवी भक्तों की भीड़ मां का दर्शन करने में लगी रहती है। सीता समाहित सीतामढ़ी में भी दर्शन- पूजन के लिए भक्तों की भीड़ लगी रहती है।