डीएपी को मारामारी, सर्वाधिक परेशान महिला किसान
केस 1 गिराई गांव की शकुंतला देवी ने बताया कि सहकारी समिति पर डीएपी के लिए सुबह छह
केस 1 : गिराई गांव की शकुंतला देवी ने बताया कि सहकारी समिति पर डीएपी के लिए सुबह छह बजे से ही कतार में लगे हैं। महिलाओं के लिए न तो अलग कतार लगवाई गई है और न ही कर्मियों की ओर से कोई सहूलियत, इसके चलते पांच घंटे लाइन में लगने के बाद खाद मिली। केस 2 : होलपुर निवासी प्रभावती ने कहा कि महिलाओं को किसी प्रकार की सहूलियत नहीं मिल रही है। घर का कामकाज छोड़कर डीएपी देने के लिए पुरुषों के बीच कतार में घंटों लगाकर परेशान किया जा रहा है। सुरक्षा का भी कोई ठोस बंदोबस्त नहीं है।
जागरण संवाददाता, गोपीगंज (भदोही) : यह पीड़ा केवल दो महिलाओं की नहीं है। बल्कि डीएपी के लिए कतार में लगी धनापुर निवासी रेखा, नरउर के गोपाल यादव, महेश यादव, रामापुर के रितिक उपाध्याय, लोहरा खास के शिव शंकर बिद और जौहरपुर के पंधारी यादव समेत कई किसानों की है। नगर के राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित सहकारी साधन समिति पर डीएपी के लिए कतार में लगकर संघर्ष करना पड़ रहा है। महिलाओं का आरोप है कि बिचौलिए बगैर कतार में लगे प्रभावशाली लोगों को पहुंचते ही समिति के कर्मी बोरी देकर सहूलियत दे रहे हैं तो घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। शिकायत के बाद भी कोई सुनने वाला नहीं है।
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घर व खेती छोड़कर लगीं लाइन में
सोमवार को क्षेत्र के कई गांव के किसानों की डीएपी पाने के लिए लगी लंबी कतार में महिलाएं भी शामिल रहीं। घर व खेती का काम छोड़कर फसलों के लिए जरूरी रासायनिक उर्वरक व अन्य सामग्री के लिए कतार में लगीं रहीं। सोमवार को सहकारी क्रय विक्रय समिति पर खाद के लिए लंबी लाइन लगी नजर आईं। केंद्रों पर अव्यवस्था के लगाए आरोप
महिलाओें ने केंद्र पर सुरक्षा के लिए प्रशासनिक व्यवस्था नहीं होने का आरोप लगाया। घंटों लाइन में खड़े रहने के बाद भी उर्वरक न मिलने पर कई किसानों को मायूस होकर वापस भी होना पड़ता है। गोदाम इंचार्ज ने बताया कि गुरुवार को खाद वितरित किया गया था। उसके बाद चार बाद डीएपी आने पर भीड़ अधिक है। अभी तक 48 टन के आवंटन में 45 टन का वितरण किया जा चुका है।