बच्चों ने बताए डिजिटलीकरण के लाभ नुकसान
जागरण संवाददाता लालानगर (भदोही) हमें दुनिया फकत कागज का एक टुकड़ा समझती है पतंग
जागरण संवाददाता, लालानगर (भदोही) : 'हमें दुनिया फकत कागज का एक टुकड़ा समझती है, पतंगों में अगर ढल जाएं हम तो आसमां छू लें।' इसी हौसले के साथ मकर संक्रांति की संध्या पर गोपीगंज नगर में मिशन शिक्षण संवाद की ओर से आयोजित बाल चौपाल में बच्चों ने अपने विचार रखे।
अपर शिक्षा निदेशक ललिता प्रदीप ने कहा कि युवा-सोच को पतंगों जैसा आसमान मिला। बच्चों के विचारों को ऊंची उड़ान देने के लिए आनलाइन व्यवस्था मिली। बाल चौपाल में शामिल छात्र हार्दिक, हर्ष, नागेश कुमार ने गणतंत्र दिवस कैसा हो, अनविता वाजपेयी, आराध्या माहेश्वरी, मानसी उपाध्याय, दामन दर्शन ने डिजिटलीकरण के फायदेमंद या नुकसान व विभु गुप्ता, सार्थिका वर्मा, श्रेयसी सिंह ने आधुनिक जीवन में संस्कारों का महत्त्व विषय पर अपने विचार रखे। चौपाल में कक्षा चार से बारह तक के छात्रों ने प्रतिभाग किया। माधवन पंकज श्रीवास्तव ने कार्यक्रम में वर्तमान परिवेश में बच्चों की भूमिका पर अपने विचार रखे। संचालन वीरेंद्र परनामी, शिवम सिंह, विकास मिश्रा ने किया। शिक्षकों में सुरभि शर्मा, छवि अग्रवाल, श्वेता शुक्ला, डाक्टर रेणु देवी, ज्योति कुमारी, आशीष शुक्ला, उर्वशी आदि थीं। इसमें परिषदीय विद्यालयों के अलावा नवोदय विद्यालय, प्राइवेट स्कूलों के छात्रों ने प्रतिभाग किया।