वीडियो कांफ्रेंसिग में मुख्य सचिव ने अफसरों पर कसा शिकंजा
अपूर्ण परियोजनाओं और गोवंश आश्रय स्थल को लेकर सख्त हुए मुख्य सचिव आर.के तिवारी के तेवर को देख अफसरों की धड़कन बढ़ गई थी। सोमवार को देर शाम कलेक्ट्रेट स्थित एनआइसी कक्ष में डटे रहे। करीब 5.30 बजे से मुख्य सचिव ने अधिकारियों से संवाद शुरू किया।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : अपूर्ण परियोजनाओं और गोवंश आश्रय स्थल को लेकर सख्त हुए मुख्य सचिव आरके तिवारी के तेवर को देख अफसरों की धड़कन बढ़ गई थी। सोमवार को देर शाम कलेक्ट्रेट स्थित एनआइसी कक्ष में डटे रहे। करीब 5.30 बजे से मुख्य सचिव ने अधिकारियों से संवाद शुरू किया। चेताया कि वित्तीय वर्ष के अंतिम माह तक अपूर्ण पड़ी परियोजनाओं को किसी भी दशा में पूर्ण होना चाहिए। बजट होने के बाद भी यदि परियोजनाएं लटकी हैं तो यह बहुत ही गंभीर मामला है। यह भी नहीं कि धन को मनमानी तरीके से खर्च कर दिया जाए। निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्य सचिव की वीडियो कांफ्रेंसिग को लेकर जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद, मुख्य विकास अधिकारी विवेक त्रिपाठी, जिला पंचायतराज अधिकारी बालेशधर द्विवेदी, सीएमओ डा. लक्ष्मी सिंह पूरी मुस्तैदी के साथ समय से कलेक्ट्रेट पहुंच गए थे। अधिकारियों की धड़कन बढ़ी हुई थी। साथ ही कागजी तैयारी भी इस तरह से की गई थी कि पूरी तरह आश्वस्त भी थे कि यदि नंबर आया भी तो जवाब संतोषजनक होगा। नगरीय और ग्रामीण विकास के साथ ही साथ शासन की शीर्ष प्राथमिकता में शामिल योजनाओं की बारी-बारी से समीक्षा की। कहा कि जानकारी मिली है कि प्रधान अपने घर के आस-पास गो संरक्षण गृह संचालित कर रहे हैं। इसमें अपने घर के ही मवेशी बांध कर सरकारी धन ले रहे हैं। जिलाधिकारी ऐसे मामले को खुद देंखे। इस तरह का मामला सामने आया तो अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। योजनाओं के क्रियान्वयन में भी किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। चेताया कि किसी भी हाल में लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। शौचालयों के निर्माण के साथ ही साथ उसका उपयोग भी होना चाहिए। इसके साथ ही अन्य जनपदों से अच्छा प्रदर्शन होने पर संतोष जताया।