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सहयोग नहीं मिला तो बर्बाद हो जाएगा कालीन उद्योग

जासं भदोही सरकार ने सहयोग नहीं किया तो निर्यात परक श्रम प्रधान लघु एवं कुटीर उद्योग की

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Dec 2021 08:49 PM (IST)Updated: Wed, 22 Dec 2021 08:49 PM (IST)
सहयोग नहीं मिला तो बर्बाद हो जाएगा कालीन उद्योग
सहयोग नहीं मिला तो बर्बाद हो जाएगा कालीन उद्योग

जासं, भदोही : सरकार ने सहयोग नहीं किया तो निर्यात परक, श्रम प्रधान लघु एवं कुटीर उद्योग की श्रेणी में आने वाला कालीन उद्योग बर्बाद हो जाएगा। केंद्र सरकार से विभिन्न मदों में मिलने वाला प्रोत्साहन पहले ही बंद हो चुका है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो कालीन उद्योग से जुड़े लाखों लोगों की रोजी रोटी प्रभावित हो सकती है। अखिल भारतीय कालीन निर्माता संघ (एकमा) ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर मदद की गुहार लगाई है।

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उद्यमियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में भदोही व मीरजापुर प्रमुख कालीन उत्पादन का प्रमुख क्षेत्र है। देश से होने वाले कालीन निर्यात में प्रदेश की भागीदारी जहां 30 से 35 फीसद होती है वहीं भदोही व मीरजापुर का 90 फीसद से अधिक योगदान होता है। पिछले वित्तीय वर्ष में इसका दुष्परिणाम भी देखने को मिला था। कालीन उद्योग के इतिहास में पहली बार उत्तर प्रदेश निर्यात में पिछड़ गया। हरियाणा ने बाजी मारते हुए पहला नंबर हासिल कर लिया। बावजूद इसके सरकार ने उद्योग की समस्याओं का गंभीरता से नहीं लिया।

कोरोना के कारण विश्व बाजार में उपजे हालात, कच्चे माल की कीमतों में भारी वृद्धि, कंटेनर के अभाव सहित विभिन्न समस्याओं से कालीन उद्यमी जूझ रहे हैं। ऐसे में लोग प्रदेश सरकार की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं। एकमा के मानद सचिव असलम महबूब का कहना है कि उद्योग की मंदी उद्यमियों की समस्या के मद्देनजर जम्मू एवं काश्मीर सरकार द्वारा अपने यहां के कालीन व दरी उद्योमियों को 10 फीसद प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है। इसी तरह प्रदेश सरकार को पहल करना चाहिए।


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