झपकती पलकों से दिखाई हरी झंडी
वंदे भारत एक्सप्रेस का वाराणसी-भदोही रेलखंड से संचालन शुरू होने से कालीन व्यवसायियों में खुशी की लहर दौड़ गई। विशेषकर दिल्ली व कानपुर से व्यवसाय करने वाले राहत महसूस कर रहे हैं। हालांकि उक्त ट्रेन का स्टापेज भदोही स्टेशन पर सुनिश्चित नहीं है बावजूद इसके वाराणसी, प्रयागराज से उक्त ट्रेन पकड़ने में लोगों को अधिक असुविधा नहीं होगी। उद्यमियों का मानना है कि भविष्य में इसके भदोही ठहराव की मांग की जाएगी।
जागरण संवाददाता, भदोही : देश के विकास और मेड इन इंडिया का जीता-जागता उदाहरण देश की सबसे तेज गति से चलने वाली सेमी हाइस्पीड ट्रेन वंदेभारत की एक झलक पाने के लिए हजारों की भीड़ ट्रेन की पटरी के किनारे धूल-गुब्बार से बेपरवाह रेल पटरी के किनारे एक झलक पाने के लिए खड़ी थी। विशेषकर दिल्ली व कानपुर से व्यवसाय करने वाले राहत महसूस कर रहे हैं। हालांकि उक्त ट्रेन का स्टॉपेज भदोही स्टेशन पर सुनिश्चित नहीं है बावजूद इसके वाराणसी, प्रयागराज से उक्त ट्रेन पकड़ने में लोगों को अधिक असुविधा नहीं होगी। उद्यमियों का मानना है कि भविष्य में इसके भदोही ठहराव की मांग की जाएगी।
वाराणसी-नई दिल्ली के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस अन्य एक्सप्रेस ट्रेनों के मुकाबले न सिर्फ बेहद सुविधाजनक है बल्कि 180 से 120 किमी की स्पीड लंबी दूरी को भी कम समय में तय करने में सहायक साबित होगी। साढ़े सात से आठ घंटे के बीच वाराणसी से दिल्ली की दूरी तय करने वाली उक्त ट्रेन व्यवसायियों के लिए बेहद उपयुक्त मानी जा रही है। सुबह छह बजे नई दिल्ली से चलकर दोपहर दो बजे वाराणसी पहुंच सकते हैं जबकि इधर से तीन बजे रवानगी कर लगभग 11-12 बजे तक दिल्ली पहुंचा जा सकता है। यही कारण है कि कालीन व्यवसाय से जुड़े लोग उक्त ट्रेन के संचालन को लेकर उत्साहित हैं। काती व्यवसायी एसके जैन का कहना है कि काती व्यवसायियों को इससे काफी राहत मिलेगी। बताया कि दिल्ली व कानपुर से जिनका व्यवसाय हो रहा है उनकी समय की बचत होगी। अन्य काती व्यवसायी मनोज सुराना भी वंदेभारत एक्सप्रेस को लेकर उत्साहित हैं। उनका कहना है कि आज के दौर में लोगों के पास समय का अभाव है। फिलहाल तो लोग वाराणसी या प्रयागराज जाकर भी ट्रेन पकड़ सकते हैं। आने वाले समय में भदोही ठहराव की मांग की जाएगी।