फर्जी प्रमाणपत्र से डाक्टर बने जालसाज को नहीं मिली राहत
जनपद एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार की अदालत ने शुक्रवार को फर्जी अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र लगाकर एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने वाले चिकित्सक अमित कुमार बिद की जमानत याचिका खारिज कर दी है। आरोप है कि वह पिछड़ी जाति का होते हुए भी अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र बनवाकर मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज प्रयागराज में प्रवेश करा लिया था।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : जनपद एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार की अदालत ने शुक्रवार को फर्जी अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र लगाकर एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने वाले चिकित्सक अमित कुमार बिद की जमानत याचिका खारिज कर दी है। आरोप है कि वह पिछड़ी जाति का होते हुए भी अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र बनवाकर मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज प्रयागराज में प्रवेश करा लिया था।
गांव निवासी विजय बहादुर ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में 156(3) के अंतर्गत प्रार्थनापत्र देकर आरोप लगाया था कि इब्राहिमपुर गांव निवासी अमित कुमार पिछड़ी जाति का है। जवाहर नवोदय विद्यालय ज्ञानपुर में कक्षा छह में अन्य पिछड़ा वर्ग से प्रवेश कराया था। सूचना का अधिकार के तहत इसकी जानकारी मांगी गई थी। आरोपित अमित कुमार ने अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र बनवाकर मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज में एमबीबीएस का डिग्री हासिल कर लिया। यही नहीं इसके अलावा भी अन्य दस्तावेज में वह अपने को बिद जाति का बताया है। ग्राम पंचायत इब्राहिमपुर के प्रधान बेचई ने भी अमित कुमार को अन्य पिछड़े वर्ग की सूची में जाति बिद के होने का प्रमाणपत्र जारी किया है। कोर्ट के आदेश पर आरोपित चिकित्सक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। विवेचना के बाद आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किया गया। दोनों पक्षों के बहस और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के परिसीलन के बाद अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी।