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गरीबों को मिला 'आयुष्मान', मुस्कराई कराहती जान

सेहत -------- सब हेड - आयुष्मान गोल्डेन कार्ड योजना से दो वर्ष में 8339 लोगों का इलाज -------

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 06:27 PM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 06:27 PM (IST)
गरीबों को मिला 'आयुष्मान', मुस्कराई कराहती जान
गरीबों को मिला 'आयुष्मान', मुस्कराई कराहती जान

सेहत

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सब हेड :- आयुष्मान गोल्डेन कार्ड योजना से दो वर्ष में 8339 लोगों का इलाज

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- 8.51 लाख रुपये से गरीबों का उपचार, सिद्ध हुई वरदान

- जिले में 1.17 लाख को वितरित हो चुका है गोल्डेन कार्ड

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केस 1 : लठियां की 70 वर्षीय फुलदेई के कूल्हे में असहनीय दर्द कई वर्षों से था। आर्थिक तंगी से वह इलाज नहीं करा पा रही थी। उसका गोल्डेन कार्ड बना तो दर्द से राहत की उम्मीद जगी। बताया कि चार सितंबर को भदोही के एक अस्पताल में कूल्हे का आपरेशन कराया। अब स्वस्थ होने से जीवन को नया सवेरा मिला।

केस 2 : मानिकपुर की सूरजा देवी को भी कूल्हे में परेशानी थी। गोल्डेन कार्ड बनने के बाद आपरेशन की राह दिखी। इसी तरह देवपुरवा मीरजापुर के नईम, घिउर रामपुर जौनपुर के जियालाल कूल्हे की समस्या से परेशान थे। जौनपुर के ही प्रशांत श्रीवास्तव घुटने की झिल्ली का उपचार कराकर योजना का लाभ ले चुके हैं।

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विभूति नारायण दुबे, ज्ञानपुर (भदोही)

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यह किस्से तो सिर्फ बानगी भर है। जिले में 8339 आयुष्मान भारत से भदोही में 8339 गरीबों ने उपचार कराकर योजना का लाभ पाया है। प्रदेश सरकार ने उनकी बीमारी पर खर्च हुए 8.51 लाख रुपये अस्पतालों को भुगतान भी किया है। प्रदेश में जनपद छठें स्थान पर है। कुल 1,17,512 पात्र गरीबों का गोल्डेन कार्ड बन चुका है।

जनपद के हर गांव को योजना से आच्छादित किया गया है। योजना के तहत चयनित पात्र गरीबों को गोल्डेन कार्ड दिया जाता है। बीमार होने पर कार्ड धारक अधिकृत किसी भी अस्पताल में पांच लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त करा सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सात सरकारी और 23 निजी चिकित्सालयों को अधिकृत किया गया है।

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लाकडाउन में वितरित नहीं हुआ था गोल्डेन कार्ड

जिला सूचना प्रबंधक आशीष ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में कोरोना संक्रमण के कारण लाकडाउन के दौरान गोल्डेन कार्ड वितरित नहीं किया जा सका था। अक्टूबर में औराई ब्लाक के सभी गांवों में कैंप लगाकर छूटे लाभार्थियों में कार्ड वितरित किया गया है। जिला शिकायत प्रबंधक शैलेंद्र प्रताप ने बताया कि योजना गरीबों के लिए संजीवनी का काम कर रही है। कोरोना काल में इलाज में असमर्थ लाभार्थी कोरोना संक्रमित होने पर बेहतर इलाज करा पाए।

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जिले में यह अस्पताल हैं अधिकृत

सरकारी : महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल ज्ञानपुर, महाराजा बलवंत सिंह भदोही व भदोही, सुरियावां, गोपीगंज, औराई व डीघ सीएचसी।

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निजी : जीवन ज्योति अस्पताल, संजीवनी अस्पताल, श्री श्याम लाल अस्पताल, जीवन दीप अस्पताल, प्रतिमा अस्पताल, सहारा अस्पताल, जीवन धारा अस्पताल, जीवनदान अस्पताल, सौरभ अस्पताल, आकाश दीप अस्पताल, जयदीप अस्पताल, लाइफ लाइन अस्पताल, न्यू राजहंस अस्पताल, आकांक्षा अस्पताल, सूर्या अस्पताल, प्रभावती अस्पताल, जीवन सहारा अस्पताल, एक्सेल अस्पताल व आनंद अस्पताल गोपीगंज, वहिदा व औराई।

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कोट - आयुष्मान भारत योजना गरीबों के लिए संजीवनी का काम कर रही है। अभी तक गंभीर बीमारी से ग्रसित होने पर आर्थिक तंगी झेल रहे लोग इलाज नहीं करा पाते थे, जिससे उपचार के अभाव में लोग जीवन भी गवां देते थे। अब पांच लाख रुपये तक योजना के तहत उपचार की सुविधा मिलने से गरीबों को काफी राहत मिली है।

- डा. धीरज प्रकाश, सर्जन, जिला अस्पताल


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