जश्न में डूबी अयोध्या, उतारी श्रीराम की आरती
गोपीगंज क्षेत्र के छतमी गांव में आयोजित रामलीला के अंतिम दिन शनिवार की रात लंका विजय कर अयोध्या लौटे भगवान श्रीराम माता सीता और लक्ष्मण का अयोध्यावासियों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही): गोपीगंज क्षेत्र के छतमी गांव में आयोजित रामलीला के अंतिम दिन शनिवार की रात लंका विजय कर अयोध्या लौटे भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण का अयोध्यावासियों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। इस दौरान जहां आयोजक मंडल ने भगवान श्रीराम की आरती व अभिनंदन किया तो वहीं उपस्थित जन समूह ने जयकारे लगाए।
लंकानरेश रावण और भगवान श्रीराम के बीच भयंकर युद्ध हुआ। माया का प्रभाव छोड़ लंकेश बदलों में छिप जा रहा था। भगवान श्रीराम उसके माया शक्ति को खत्म कर दे रहे थे। इसी बीच विभिषण ने रावण के नाभि में अमृत होने की जानकारी भगवान को दी। श्रीराम ने बाण का अनुसंधान कर रावण की नाभि में छोड़ दिया और उसकी दशों शीश काट डाली। लंका में रावण वध करने के पश्चात माता सीता की अग्नि परीक्षा कराई गई। भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और भक्त हनुमान पुष्पक विमान से अयोध्या की ओर प्रस्थान किए। इसकी सूचना उनके भाई भरत और अयोध्यावासियों को मिली तो पूरा नगर दुल्हन की तरह सजा दिया गया। चौदह वर्षों तक जिस पल की लोग इंतजार कर रहे थे वह उनके आंखों के सामने प्रत्यक्ष रूप से देखने को लालायित दिखे। हर ओर जश्न का माहौल और सुमधुर गीतों से अयोध्यावासी स्वागत को लेकर पलक पावड़े बिछाए रहे। भगवान श्रीराम को अयोध्या पहुंचते ही पूरी नगरी जश्न में डूब गई। इस दौरान कुल गुरु वशिष्ट ने भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक किया। उमड़ी दर्शकों की भीड़ के जयकारे से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो गया। आयोजक मंडल के अशोक कुमार पांडेय बच्चन, लाल बाबा, राजेंद्र पाठक आदि ने भगवान की आरती उतारी। कहा कि भगवान श्रीराम के आदर्शों को आत्मसात कर सामाजिक एवं आर्थिक विकास किया जा सकता है। समाज कितना भी अत्याधुनिक हो जाए लेकिन हमें अपने संस्कार और संस्कृति को नहीं भूलना चाहिए। गांव के युवाओं की कड़ी मशक्कत से लगातार 25 वर्षों से रामलीला का मंचन किया जा रहा है।