दोगुना मुआवजे पर अड़े, एसडीएम की पंचायत बेनतीजा
गजिया ओवरब्रिज निर्माण में उत्पन्न बाधा समाप्त होने का नाम नही ले रही है। इस संबंध में शनिवार को पालिका सभागार में आयोजित बैठक बेनतीजा रही। ब्रिज निर्माण की जद में आने वाले भू स्वामी डबल मुआवजे की अपनी मांग पर अड़े रहे। उपजिलाधिकारी आशीष मिश्रा सहित अन्य विभागीय अधिकारियों ने लोगों को काफी समझाने का प्रयास किया गया लेकिन सर्किल रेट से दो गुने मुआवजे पर लोग अड़े रहे। लाख कवायद के बाद भी अधिकारी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे। एसडीएम का कहना है कि जिलाधिकारी से वार्ता के बाद इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा।
जागरण संवाददाता, भदोही : गजिया ओवरब्रिज निर्माण में उत्पन्न बाधा समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है। शनिवार को नगर पालिका सभागार में आयोजित बैठक बेनतीजा निकली। ओवरब्रिज निर्माण की जद में आने वाले भू-स्वामी डबल मुआवजे की अपनी मांग पर अड़े रहे। एसडीएम आशीष मिश्रा सहित अन्य अधिकारियों ने लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन सर्किल रेट से दोगुना मुआवजे पर लोग अड़े रहे, खूब हंगामा भी हुआ। लाख कवायद के बाद भी अधिकारी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे। एसडीएम का कहना है कि जिलाधिकारी से वार्ता के बाद इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा।
ओवरब्रिज निर्माण में सामने आ रही अंतिम बाधा पार करना प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। प्रशासन सर्किल रेट के अनुसार मुआवजा देने को तैयार है वहीं प्रभावित परिवार दोगुना राशि लेने पर अड़े हैं। 10 दिसंबर को जिला प्रशासन ने ओवरब्रिज निर्माण कार्य से प्रभावित सभी 66 परिवारों को नोटिस जारी कर जिला निबंधन कार्यालय पर बुलाया था जहां मुआवजे की रकम को लेकर काफी हंगामा हुआ। सेतु निगम व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने लोगों को समझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन प्रभावित परिवार जिद पर अड़े रहे। जिलाधिकारी के आदेश पर शनिवार को पालिका सभागार में उपजिलाधिकारी के नेतृत्व में संबंधित अधिकारियों व प्रभावित परिवारों के साथ पंचायत की गई। घंटों माथापच्ची के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला। सभी अपनी मांग पर कायम रहे, जबकि अधिकारी उन्हें शासनादेश का हवाला देते हुए समझाने और मनाने का प्रयास करते रहे। पीडब्ल्यूडी के एई अजय कुमार सिंह, सेतु निगम के एई एचएन यादव, एकाउंट अफसर आशुतोष पांडेय और मुख्य निबंधन अधिकारी संदीप श्रीवास्तव की भी कुछ नहीं सुनी गई। एसडीएम ने बताया कि उनकी ओर से काफी प्रयास किया गया, लेकिन प्रभावित परिवारों के सदस्य अपनी मांग पर अड़े रहे। डीएम को रिपोर्ट भेजी जा रही है। रेलवे काम पूरा कर दीवार बनाएगा : रेलवे अपने हिस्सा का काम फरवरी तक फाइनल कर देगा। इसके बाद वह गजिया क्रासिग को दीवार से घेर देगा। कारण कि अगर घेरेगा नहीं तो आवागमन चालू रहेगा। ऐसे में उसके सामने ट्रेन से संभावित हादसे की जिम्मेदारी रेलवे मंत्रालय को लेनी पड़ेगी। दीवार को लेकर प्रशासन ने बातचीत शुरू कर चुका है। सेतु निगम पीछे हटने की तैयारी में : यूपी सेतु निगम आज हुई पंचायत के बाद बचे हुए कार्य को पूरा करने से पीछे हटने के मूड में दिखाई दे रहा है। इसके लिये वह बहुत जल्द अपने मौके पर गिराये गये जनरेटर और दूसरे सामान हटा सकता है। हाईकमान को भी पत्र लिख सकता है कि यह प्रोजेक्ट किसी और एजेंसी को सौंप दिया जाए। जुलाई से चल रही कोशिश : जुलाई 2019 को डीएम की अगुवाई में बैठक हुई थी। प्रभावित 66 परिवारों ने मांग रखी थी कि वे जमीन तभी रजिस्ट्री करेंगे जब उन्हें नए सर्किल रेट और कामर्शियल दर से मुआवजा राशि दी जाएगी। इस पर मुहर लगने के बाद सेतु निगम ने साढ़े आठ करोड़ रुपये आवंटित कर दिये। अब धन आ गया तो प्रभावित परिवार मुकर गए। अब वे आवंटित धनराशि का दोगुना मुआवजा मांग रहे हैं।