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65 हजार गरीबों को उम्मीदों की छत

जिले में बड़ी संख्या में गरीब अभी भी झुग्डी-झोपड़ी में ही रहते हैं लेकिन स्थायी पत्राता सूची में उनका नाम न होने के कारण लाभ नहीं मिल पा रहा था। वर्ष 2011 में बनी यह सूची शासन की ओर से पूरी तरह संतृप्त हो गई थी। आलम यह है रहा कि चाहकर भी गरीबों को पक्का छत मुहैया नहीं करा पा रहे थे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 07:46 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2020 07:46 PM (IST)
65 हजार गरीबों को उम्मीदों की छत
65 हजार गरीबों को उम्मीदों की छत

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : जिले में बड़ी संख्या में गरीब अभी भी झुग्गी-झोपड़ी में ही रहते हैं लेकिन स्थायी पात्रता सूची में उनका नाम नहीं होने के कारण लाभ नहीं मिल पा रहा था। वर्ष 2011 में बनी यह सूची शासन की ओर से संतृप्त हो गई थी। चाहकर भी गरीबों को पक्का छत मुहैया नहीं करा पा रहे थे। केंद्र सरकार की ओर से सहमति पत्र की फीडिग किए जाने से 65 हजार गरीबों की उम्मीदें जवां हो गई हैं। माना जा रहा है कि सरकार की ओर से शीघ्र ही प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत लक्ष्य आवंटित कर दिया जाएगा।

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छूटे हुए गरीबों का हुआ था सर्वे

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में पात्रता के लिए जारी गाइडलाइन में स्थायी पात्रता सूची को आधार बनाया गया था। यह सूची वर्ष 2011 में बनाई गई थी। स्थायी पात्रता सूची में मिले पात्रों को आवास आवंटित हो चुके हैं। शासन की ओर से सूची पूरी तरह संतृप्त हो चुके हैं। इसमे जो बचे भी हैं तो वह योजना में अपात्र हैं। शासन ने वर्ष 2019 में छूटे हुए लाभार्थियों का सर्वे कराने का निर्देश जारी किया था। सर्वे में 65 हजार गरीबों को चिन्हित कर आनलाइन फीडिग कराई गई थी। वर्ष 2020 में उसी सूची के आधार पर चिन्हित लोगों से सहमति पत्र लिया जा रहा है। सहमति पत्र लेकर उसकी वेबसाइट पर फीडिग कराई जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि इसके बाद शासन स्तर से आवास आवंटन का लक्ष्य निर्धारित किया जा सकता है। शासन स्तर पर इसकी तैयारी चल रही है।

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तीन वर्षों में बने हैं 12 हजार आवास

पीएम आवास योजना के तहत तीन वर्षों में 12 हजार से अधिक आवासों का निर्माण कराया जा चुका है। इसमें वित्तीय वर्ष 2016-17 और 2017-18 में आवंटित 8,676 आवासों का निर्माण पूर्ण हो चुके हैं। 2018-19 में करीब चार हजार आवास आवंटित हुए थे। इसमें अधिसंख्य आवास पूर्ण नहीं हो सके हैं। सभी तीनों किश्त लाभार्थियों के खाते में भेजा जा चुका है।


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