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558 ग्राम पंचायतों ने अपलोड नहीं की कार्ययोजना

जिले के 561 ग्राम पंचायतों में वित्तीय वर्ष 2020-21 में क्या कार्य कराए जाने हैं। इसके लिये शासन ने पंचायत राज विभाग ने ब्लाकवार कार्य योजना मांगी थी। गांवों की कार्ययोजना तैयार कराकर उसे प्लान प्लस वेबसाइट पर सात जनवरी तक अपलोड किया जाना था।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Jan 2020 06:26 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jan 2020 06:26 PM (IST)
558 ग्राम पंचायतों ने अपलोड नहीं की कार्ययोजना
558 ग्राम पंचायतों ने अपलोड नहीं की कार्ययोजना

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : जिले के 561 ग्राम पंचायतों में वित्तीय वर्ष 2020-21 में क्या कार्य कराए जाने हैं। इसके लिए शासन ने पंचायत राज विभाग से विकास खंडवार कार्य योजना मांगी थी। गांवों की कार्ययोजना तैयार कराकर उसे प्लान प्लस वेबसाइट पर सात जनवरी तक अपलोड किया जाना था। ग्राम प्रधान व सचिव कार्ययोजना तैयार कर उसे अपलोड करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। लापरवाही का आलम यह है कि महज एक दिन का समय शेष रह गया हैं, लेकिन 558 गांवों की कार्ययोजना अपलोड नहीं हो सकी है। मात्र तीन ग्राम पंचायतों की कार्ययोजना प्लान प्लस पर अपलोड हो सकी है। अब विभाग इसे लेकर सख्त रुख अख्तियार कर चुका है। शीघ्र कार्ययोजना अपलोड ने करने वाले प्रधान व सचिवों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

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जन योजना अभियान के अंतर्गत दो अक्टूबर से 31 दिसंबर के मध्य ग्राम सभा की बैठक कर वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए कार्य योजना तैयार करने का निर्देश था। इसके तहत बैठक की फोटोग्राफ अपलोड करने सहित जन सूचना बोर्ड, फैसिलेटर रिपोर्ट आदि को ऑनलाइन अपलोड किया जाना था। संयुक्त निदेशक विध्याचल मंडल एके शाही द्वारा भी कार्ययोजना तैयार कर अपलोड करने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद भी स्थिति यह है जिले में स्थित 561 में से मात्र तीन गांवों की कार्ययोजना प्लान प्लस पर अपलोड हो सकी है। डीपीआरओ बालेशधर द्विवेदी ने बताया कि सभी ग्राम पंचायतों की कार्ययोजना को शीघ्र प्लान प्लस पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया है। किस कार्य को देनी है प्राथमिकता

ग्राम पंचायतों में 2020-21 में कार्ययोजना तैयार करने में कोई मनमानी भी नहीं चलेगी। कार्ययोजना में कार्यो की प्राथमिकता भी तय की गई है। अब कार्ययोजना में ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित पाइप लाइन, पेयजल परियोजनाओं का सामान्य अनुरक्षण, परिचालन, बिजली बिलों का भुगतान, हैंडपंपों की मरम्मत को प्राथमिकता दी जाएगी। इसी तरह ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, कुओं व अन्य पेयजल स्त्रोतों का पुनरुद्धार एवं विकास, गोवंश आश्रय स्थलों का विकास, वनीकरण, सामुदायिक भवन, पुस्तकालय, पंचायत भवन आदि को एक स्थान पर इंटीग्रेटेड के रूप में पंचायत सचिवालय के रूप में बनाए जाने, खेल मैदान, वेलनेस पार्क आदि के निर्माण को कार्ययोजना में प्रमुखता से शामिल किया जाना है।


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