Move to Jagran APP

कारपेट एक्सपो में 55 आयातकों ने दी भागीदारी करने की स्वीकृति

जागरण संवाददाता भदोही कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) 42वें इंडिया कारपेट एक्सपो की

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 05:12 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 05:12 PM (IST)
कारपेट एक्सपो में 55 आयातकों ने दी भागीदारी करने की स्वीकृति
कारपेट एक्सपो में 55 आयातकों ने दी भागीदारी करने की स्वीकृति

जागरण संवाददाता, भदोही : कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) 42वें इंडिया कारपेट एक्सपो की तैयारी में जुटा है। दिल्ली के एनएसआईसी एक्जविशन कांप्लेक्स ओखला में 25 से 28 मार्च तक प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय कालीन मेले के लिए विश्व के 15 देशों के 55 आयातकों ने भागीदारी के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी है जबकि परिषद ने 62 देशों के 350 आयातकों को आमंत्रण पत्र भेजा है। परिषद ने करीब 300 स्टाल लगाने की योजना बनाई है। हालांकि बुकिग की प्रगति को देखते हुए यह संख्या बढ़ाई भी जा सकती है।

loksabha election banner

इंडिया कारपेट एक्सपो का आयोजन अंतिम बार अक्टूबर 2019 में वाराणसी में हुआ था। इसके बाद कोरोना के चलते मार्च 2020 में दिल्ली में प्रस्तावित मेले को रद कर दिया गया था। दो साल के बाद आयोजित होने वाले कालीन मेले को लेकर लोगों में उत्साह देखा जा रहा है। हालांकि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर कुछ निर्यातकों में हिचकिचाहट भी है लेकिन सीईपीसी मेला आयोजन के लिए कटिबद्ध है। अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस सहित कुछ यूरोपीय देशों में कोरोना का अभी भी है लेकिन इससे व्यवसाय गतिविधियों पर अधिक प्रभाव नहीं है। इंडिया कारपेट एक्सपो में भागीदारी के लिए आयातक उत्साहित हैं। एक वर्ष में दो बार होता इंडिया कारपेट एक्सपो का आयोजन

कालीन निर्यात को बढ़ावा देने व आयातकों-निर्यातकों को एक मंच पर लाने के उद्देश्य सीईपीसी द्वारा एक वर्ष दो बार इंडिया कारपेट एक्सपो का आयोजन किया जाता है। मार्च में जहां दिल्ली में आयोजन होता है तो अक्टूबर में वाराणसी में मेला आयोजित किया जाता है। इंडिया कारपेट एक्सपो से 300 से 350 करोड के व्यवसाय का सृजन होता है। सब कुछ ठीक रहता तो पिछले दो साल में चार बार इंडिया कारपेट एक्सपो का आयोजन हो चुका होता। कालीन मेलों का आयोजन न होने से उद्योग को 1200 से 1400 करोड की चपत लग चुकी है। 2020 के बाद नहीं हुआ डोमोटेक्स का आयोजन जर्मनी के हनोवर शहर में हर साल जनवरी में लगने वाले कालीन मेलों के महाकुंभ डोमोटेक्स का आयोजन अंतिम बार वर्ष 2020 में किया गया था। इसके बाद कोरोना के कारण मेला का आयोजन नहीं किया जा सका। आयोजन समिति ने जनवरी 2022 में डोमोटेक्स के आयोजन की योजना बनाई थी लेकिन कोरोना की तीसरी लहर ने मंसूबों पर पानी फेर दिया। कोरोना काल में कालीन उद्योग का भारी नुकसान हुआ है। कालीन मेले क्रेता-विक्रेता के बीच सेतु का काम करते हैं। मार्च में परिषद की ओर से प्रस्तावित इंडिया कारपेट एक्सपो का आयोजन हो यही कामना है। हालांकि वर्तमान हालात को देखते हुए चिता बनी हुई है।

- श्याम नारायण यादव, वरिष्ठ कालीन निर्यातक दो साल से कालीन मेलों का आयोजन नहीं हुआ। आखिर कब तक वर्चुअल संपर्क पर व्यवसाय को गतिमान रखा जा सकता है। कालीन मेलों का आयोजन तो होना ही चाहिए। विपरीत हालात में इंडिया कारपेट एक्सपो के लिए परिषद ने कमर कस रखा है यह बड़ी बात है।

- जयप्रकाश गुप्ता, कोषाध्यक्ष, अखिल भारतीय कालीन निर्माता संघ (एकमा)।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.