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50 हजार प्रवासियों को रोजगार का संकट

शासन की शीर्ष प्राथमिकता में शामिल योजनाएं फाइलों में ही पेंग भर रही हैं। आलम यह है कि 50 हजार प्रवासियों के सामने रोजगार का संकट है। बारिश होने से मनरेगा के तहत भी कार्य बंद हो गया है। 20 हजार श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं। सरकार की ओर से रोजगार देने की योजना भी पटरी से उतर चुकी है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 Jul 2020 05:33 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jul 2020 05:33 PM (IST)
50 हजार प्रवासियों को रोजगार का संकट
50 हजार प्रवासियों को रोजगार का संकट

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : शासन की शीर्ष प्राथमिकता में शामिल योजनाएं फाइलों में ही पेंग भर रही हैं। आलम यह है कि 50 हजार प्रवासियों के सामने रोजगार का संकट है। बारिश होने से मनरेगा के तहत भी कार्य बंद हो गया है। 20 हजार श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं। सरकार की ओर से रोजगार देने की योजना भी पटरी से उतर चुकी है।

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वैश्विक महामारी के दौरान करीब तीन माह तक सभी उद्योग बंद होने से करीब 50 हजार प्रवासी अपने जिले में वापस आ गए थे। प्रवासियों को रोजगार मुहैया कराने के लिए सरकार की ओर से अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किया गया था। निर्माण सहित अन्य कार्यों में जुटे श्रमिकों एवं कुशल-अ‌र्द्धकुशल लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए अलग-अलग सूची तैयार करने को कहा गया था। श्रम विभाग, रोजगार एवं सेवायोजन विभाग सहित अन्य को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत 20 हजार श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया गया था। बारिश में काम ठप होने से वह भी बेरोजगार हो गए हैं। प्रशासन के रिकार्ड पर गौर किया जाए तो 10,000 प्रवासियों के खाते में आर्थिक सहायता राशि दे दी गई है जबकि 11,000 प्रवासियों के खाते में सहायता राशि भेजे जाने की सूची फाइनल कर दी गई है। अनलॉक हुए भी धीरे-धीरे एक माह से अधिक का समय बीत गया लेकिन अभी तक प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध कराने की कोई व्यवस्था नहीं कराया जा सका है। श्रम प्रवर्तन अधिकारी प्रतिमा मौर्य का कहना है कि प्रवासियों को अलग-अलग सूची वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के लिए अलग-अलग विभागों को जिम्मेदारी सौंप गई है।


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