8 घंटे में 49 टिकट वापस, 150 मुसाफिर लौटे
रेलवे की लचर व्यवस्था यात्रियों के लिए मुसीबत का कारण बनी है। सर्वर समस्या के कारण आरक्षण केंद्र का सिस्टम रेंग रहा है। एक टिकट बनाने या रिफंड करने में 10 से 15 मिनट का समय लग रहा है। शुक्रवार को सुबह के शिफ्ट में 6 घंटे के दौरान महज 26 टिकट रिफंड किए गए थे जबकि तीन नए टिकट बनाए गए। इसी तरह दूसरी शिफ्ट में दोपहर दो बजे से पांच बजे तक तीन घंटे में 19 रिफंड व तीन नए टिकट बने थे। जबकि सुचारू रूप से काम होने पर 6 घंटे यानी एक शिफ्ट में 140 टिकट बनना चाहिए। आरक्षण केंद्र पर सर्वर समस्या एक सप्ताह से है। आरक्षण पर्यवेक्षक के अनुसार इस संबंध में वाराणसी लेकर लखनऊ तक अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। प्रतिदिन की रिपोर्ट दी जाती है बावजूद इसके समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है।
जासं, भदोही : रेलवे की लचर व्यवस्था अब यात्रियों के लिए मुसीबत का सबब बनी है। शुक्रवार को सर्वर धड़ाम हो गया, इसके चलते भदोही रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर पर पूरे दिन लंबी कतार लगी। आठ घंटे तक मात्र 49 टिकट वापस हो सके। 150 यात्रियों को लौटना पड़ा। एक सप्ताह से सिस्टम रेंग रहा है, फिर भी अफसर खामोश हैं। स्थिति यह है कि सुबह आठ बजे काउंटर खुलता है लेकिन शाम छह बजे तक लंबी कतार लगी रहती है।
एक टिकट वापस करने में 15 मिनट से ज्यादा का समय लग रहा है। शुक्रवार को सुबह की शिफ्ट छह घंटे चली, इस बीच 26 टिकट लौटे। तीन नए टिकट ही बनाए गए। दूसरी शिफ्ट दोपहर दो से शाम पांच बजे की रही, इस बीच 19 टिकट वापस और तीन नए टिकट बने। आम दिनों में छह घंटे में 140 टिकट बनते हैं। आरक्षण पर्यवेक्षक की मानें तो वाराणसी लेकर लखनऊ तक लिखा-पढ़ी की जा चुकी है। प्रतिदिन रिपोर्ट दी जा रही है, फिर भी समस्या लाइलाज है।
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एकल खिड़की बनी मुसीबत : कर्मचारियों के अभाव में आरक्षण केंद्र की सिर्फ एक खिड़की खोली जा रही है। ऐसे में बार बार सर्वर बैठ जाना परेशानी और बढ़ा रहा है। पर्यवेक्षक राजकुमार ने बताया कि वर्तमान समय महज तीन कर्मचारी हैं। सुबह आठ से देर शाम आठ बजे तक 6-6 घंटे के शिफ्ट में काम किया जा रहा है। सर्वर समस्या के कारण 60 से 65 फीसद यात्रियों को वापस जाना पड़ रहा है। प्रतिदिन की प्रगति रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जा रही है।